यमुनानगर: हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर 25 मई को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप के अनुसार, शाम 6 बजे तक 58.15% वोटिंग दर्ज की गई। हालांकि, यह आंकड़ा बदल सकता है। सिरसा सीट पर सबसे ज्यादा 69.10% मतदान हुआ है। लेकिन प्रदेश के कई गांवों में चुनाव का बहिष्कार भी देखने को मिला। अंबाला लोकसभा क्षेत्र के एक गांव में केवल दो लोगों ने वोट डाला। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 550 थी।
जी हां, हम बात कर रहे हैं यमुनानगर के टापू माजरी गांव की। 550 मतदाता वाले इस गांव में सिर्फ दो लोगों ने अपना वोट डाला। यमुना नदी पर पुल बनाने की मांग पूरी न होने पर गांव के लोगों ने इस बार चुनाव का बहिष्कार किया। गांव के लोगों का कहना है कि अगर उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई, तो वे आने वाले चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे। बता दें कि हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में गांव के लोग इस चुनाव का भी बहिष्कार कर सकते हैं।
ग्रामीणों का क्या कहना है?
गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें जगाधरी आने के लिए यमुना पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है या फिर 40 किलोमीटर का चक्कर काटकर यूपी से आना पड़ता है। गांव की आबादी करीब 1800 है और 550 मतदाता हैं। मतदान से चार दिन पहले गांव के ग्रामीणों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन कर चेतावनी भी दी थी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि यमुना नदी पर पुल बनाया जाए।
प्रशासन के मनाने पर भी नहीं माने ग्रामीण
टापू माजरी गांव के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पोलिंग पार्टी दिन भर मतदाताओं का इंतजार करती रही, लेकिन केवल दो लोग ही मतदान करने पहुंचे। इसके बाद अधिकारी गांव में पहुंचे और लोगों को मनाने की कोशिश की, मगर लोगों ने अधिकारियों की एक न सुनी। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक यमुना पर पुल नहीं बन जाता, तब तक चुनावों का बहिष्कार जारी रहेगा। ऐसे में अधिकारियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
आगे की राह
गांव के लोगों का यह निर्णय प्रशासन के लिए एक बड़ा संकेत है। यह स्पष्ट है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आने वाले विधानसभा चुनावों में भी इसी प्रकार का बहिष्कार देखा जा सकता है। प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि गांव की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाए ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।