जन्मदिन से ठीक पहले बन्ना गुप्ता को मिला बड़ा तोहफा, हेमंत सरकार में बनाए गए कैबिनेट मंत्री

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मृत्युंजय सिंह गौतम

रांची: लौहनगरी के माटी के लाल, कांग्रेस के कद्दावर नेता व झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री रहे जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता को उनके 51 वे जन्म दिन से ठीक पहले बड़ा तोहफा मिला है. वे राज्य की हेमंत सोरेन सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं.
सोमवार को रांची स्थित राजभवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उन्होंने पद व गोपनीयता की शपथ ली. हेमंत सोरेन की पूर्ववर्ती चंपाई सोरेन की सरकार में भी बन्ना कांग्रेस कोटे से कैबिनेट मंत्री थे.

अपार खुशी का माहौल

रांची से जमशेदपुर तक पूरे झारखंड में बन्ना गुप्ता के समर्थकों में खुशी की लहर है। लोग दिल से उन्हें बधाई, आशीर्वाद और शुभकामनाएँ दे रहे हैं। उनके मंत्री बनने से लोगों में उत्साह का माहौल है।

जनता के प्रिय नेता

बन्ना गुप्ता ने अपने पिछले कार्यकाल में जनता के बीच एक लोकप्रिय छवि बनाई है। उनके व्यवहार में कोई अहंकार नहीं दिखता और वे हमेशा सभी के दिलों में बसे रहते हैं। यही वजह है कि उनकी लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। उनके विरोधी भी उनके विकास कार्यों की प्रशंसा करते हैं।

संघर्ष से सफलता तक का सफर

बन्ना गुप्ता का सफर आसान नहीं था। उन्होंने जमशेदपुर में टेम्पो चालकों के नेता के रूप में अपने संघर्ष की शुरुआत की। गरीबों और जनता के मुद्दों पर वे सड़क पर उतरते और संघर्ष करते। उनके इसी संघर्ष ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुँचाया है।

अध्ययन और अनुभव से निखरा व्यक्तित्व

समय के साथ उन्होंने अपने अध्ययन और अनुभव से खुद को एक विकासशील नेता के रूप में प्रस्तुत किया। कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने धैर्य और साहस के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और लोगों के बीच एक प्रभावशाली छवि बनाई।

राजनीति के माहिर खिलाड़ी

राजनीति में भी बन्ना गुप्ता ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वे समय के साथ अपनी रणनीति बदलने में माहिर हैं। जनसंपर्क में भी उनकी अच्छी पकड़ है, जिससे वे कांग्रेस में ही नहीं, अन्य दलों में भी लोकप्रिय हैं।

युवा संघर्ष समिति से शुरुआत

1987 में मात्र 14 वर्ष की आयु में बन्ना गुप्ता ने युवा संघर्ष समिति का गठन किया और जन समस्याओं को लेकर आंदोलन प्रारंभ किया। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी में शामिल होकर संगठन की मजबूती के लिए काम किया।

टेम्पो चालकों की आवाज बने

बन्ना गुप्ता ने समाजवादी पार्टी में रहते हुए टेम्पो चालकों के आंदोलन की अगुवाई की। 2003 में टाटानगर स्टेशन पर आंदोलन के दौरान गोलीबारी भी हुई, लेकिन बन्ना गुप्ता पीछे नहीं हटे। इस घटना ने उन्हें और मजबूती दी।

जनता के हित में लगातार संघर्ष

बन्ना गुप्ता ने जनता के हित में अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया। विधायक बनने के बाद भी उन्होंने आंदोलन जारी रखा और जनता की सुविधाओं के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे।

समाजवादी पार्टी में योगदान

समाजवादी पार्टी में भी उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए पूरे झारखंड का दौरा किया। 2004 में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन कर उन्होंने पार्टी में अपनी मजबूत पकड़ बनाई।

2005 के चुनाव में ताकत दिखाई

2005 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने पार्टी प्रत्याशी के रूप में जोरदार प्रदर्शन किया। 2009 में कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव जीता और जनता के बीच अपनी पहचान बनाई।

जनता से जुड़ाव

2014 से 2019 तक विधायक नहीं रहते हुए भी उनका जनता से जुड़ाव बना रहा। वे जनता के सुख-दुख में शामिल होते रहे और जनहित में आवाज उठाते रहे। इसका परिणाम यह हुआ कि दिसंबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में वे फिर से विधायक बने और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बने।

कैबिनेट मंत्री के रूप में वापसी

आठ जुलाई 2024 को बन्ना गुप्ता को फिर से कैबिनेट मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह उनकी कड़ी मेहनत और जनता के प्रति उनकी निष्ठा का परिणाम है।

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