आदित्यपुर में वनांचल कॉलेज ऑफ फार्मेसी ने निकाली रैली, लोगों ने जाना  जीवन में फार्मासिस्ट का महत्व

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मृत्युंजय सिंह

जमशेदपुर: कार्यक्रम तो था झारखंड के  प्रीमियर शिक्षण संस्थान वनांचल कॉलेज ऑफ फार्मेसी का लेकिन इसका सीधा जुड़ाव आम आदमी और उसकी सेहत से था. इसीलिए कार्यक्रम जोरदार भी रहा और असरदार भी.

पहले लगा की विश्व फार्मेसिस्ट दिवस पर रैली का आयोजन महज रस्मअदायगी भर है लेकिन जब कॉलेज के निदेशक राम दर्शन सिंह यानी आरडी सिंह के नेतृत्व व कॉलेज के मुख्य प्रबंधक डॉक्टर नंदन पांडे के संचालन में अतिथियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने जागरुकता अभियान के क्रम में फार्मेसी और फार्मेसिस्ट के महत्व को बताना शुरू किया तब लगा कि वास्तव में यह कार्यक्रम सीधे-सीधे आम लोगों की सेहत से जुड़ा है. बाद में लोगों ने भी इस कार्यक्रम से गहरा जुड़ाव प्रदर्शित किया.

वनांचल कॉलेज ऑफ फार्मेसी का संचालन सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड में हाता चाईबासा मार्ग से सटे गांव हेंसल स्थित विशाल परिसर में बने भव्य भवन से होता है, हालांकि बच्चों के रोजमर्रा के कार्यों और अभिभावकों  की सुविधा के लिए आदित्यपुर के एस टाइप मैदान के पास भी इसका कार्यालय  है और आपातकालीन स्थिति में कक्षाओं के संचालन की मुकम्मल व्यवस्था भी है.

चूंकि कॉलेज परिसर ग्रामीण परिवेश में इसलिए शहरी क्षेत्र वाले आदित्यपुर में स्थित कैंप कार्यालय से फार्मेसी दिवस पर जागरुकता  रैली निकालने का फैसला  किया गया था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क किया जा सके.

रैली का मुख्य थीम ‘ स्वस्थ दुनिया’ रखा गया था. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के कार्यकारी सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने संस्थान के छात्र/छात्राओं को एक बेहतर फार्मासिस्ट के कर्तव्यों के बारे में समझाया.

यह रैली आदित्यपुर के एस टाइप चौक से शेरे पंजाब तक तक  निकाली गई। इस रैली का मुख्य उद्देश्य आम जनता में स्वास्थ्य व औषधियों के प्रयोग हेतु जागरूगता उत्पन्न करना था.

रैली में संस्थान के निदेशक राम दर्शन सिंह, मुख्य प्रबंधक डॉक्टर नंदन  पांडेय, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी ओमप्रकाश (सोनू खान), श्री राम इंग्लिश स्कूल के निदेशक सुरेश सिंह, प्राचार्या विनोदिनि मरांडी, शिक्षक समूह से डिम्पल चौहान, मनोज महतो, आलोक कुमार, परमेश्वर राय, प्रियंका बिसेन, कार्यालय सहायक शिवानी भंज, शोभा कुमारी आदि के साथ साथ संस्थान के छात्र/छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.

बताते चलें कि हर साल 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार में फार्मासिस्ट की भूमिका को बढ़ावा देने एवं उन की वकालत करने के इरादे से मनाया जाता है. यह उन सभी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को सम्मानित करने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में भी कार्य करता है जो करुणा, सेवा एवं समझ के साथ अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं. फार्मासिस्ट लोगों को दवाओं तक पहुंच प्रदान करते हैं और उन्हें सुरक्षित रूप से दवाएं उपयोग करने के बारे में सलाह देते हैं.

विश्व फार्मासिस्ट दिवस की शुरुआत 2009 में इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (FIP) काउंसिल द्वारा इस्तांबुल, तुर्की में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ़ फ़ार्मेसी एंड फ़ार्मास्युटिकल साइंसेज में की गई थी.

FIP की स्थापना 1912 में इसी तारीख को हुई थी. इस दिन का प्राथमिक उद्देश्य फार्मासिस्टों के अपने काम के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य सुधार में योगदान को बढ़ावा देना है.

इस अवसर पर आरडी सिंह ने कहा कि फार्मेसी एक ऐसा पेशा है जो चिकित्सा विज्ञान को रसायन विज्ञान से जोड़ता है और इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है.

फार्मासिस्ट फार्मास्यूटिकल्स और नुस्खे के विकास, निर्माण, निपटान, सुरक्षित और कुशल उपयोग और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं.अगर फार्मासिस्टों को दवाओं, उनके दुष्प्रभावों, गतिशीलता और विषाक्तता की पूरी समझ नहीं होती तो दुनिया में विश्वसनीय, सुरक्षित दवाएं नहीं होती.

कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए डॉक्टर नंदन पांडे ने कहा कि विश्व फार्मासिस्ट दिवस का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को उस मूल्य को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करना है जो फार्मासिस्ट समाज में लाते हैं और वैश्विक स्वास्थ्य में उनके योगदान के बारे में जागररुकता बढ़ाना है.

कार्यक्रम के अंत में संस्थान के निदेशक राम दर्शन सिंह ने रैली में शामिल सभी लोगों का हृदय से आभार व्यक्त किया।

मालूम हो कि वनांचल कॉलेज ऑफ फार्मेसी को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया और झारखण्ड सरकार से मान्यता प्राप्त है और यहां अभी डिप्लोमा इन फार्मेसी का कोर्स उपलब्ध है. 

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