झारखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए लार्सन एंड टूब्रो ने काम किया, लेकिन इसके एवज में किसी और ने कंपनी के नाम पर फर्जी पेमेंट आईडी बनाकर एक करोड़ 32 लाख का भुगतान उठा लिया. मामला वर्ष 2019-20 का है, जो अब पकड़ में आया है. विभाग की ओर से इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसके साथ ही इस मामले की जांच के लिए विभाग ने हाई लेवल कमेटी गठित की है
झारखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए काम कर रही लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को फर्जी पेमेंट के माध्यम से 1.32 करोड़ रुपए का ठगी का सामना करना पड़ा है। मामला वर्ष 2019-20 का है, और इसका खुलासा तब हुआ, जब कंपनी ने विभाग के लिए किए गए काम के एवज में भुगतान नहीं होने की शिकायत की। इसके पर विभाग ने शिकायत की जांच करते हुए फर्जी पेमेंट के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है और इसे गंभीरता से लेकर जांचने के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की है। विभाग ने शिकायत की जांच शुरू की तो यह जानकारी सामने आई कि वर्ष 2020 में 23 मार्च एवं 30 मार्च की तिथि को दो चेक के जरिए कुल एक करोड़ 32 लाख रुपए का भुगतान किया गया है.
मामले में पता चला है कि फर्जी पेमेंट के लिए लार्सन एंड टूब्रो द्वारा बनाए गए पांच आईडी, जिन्हें यह रिपोर्ट करती है, किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज किए गए थे। इस तरह के धाराप्रवाह आईडेंटिटी थिएफ्ट मामलों में होने वाले प्रयासों को रोकने के लिए विभाग ने हाई लेवल कमेटी का गठन किया है।
इस मामले में फर्जी पेमेंट आईडी के माध्यम से ठगी का आरोप लगाया गया है, और जांच तय करने के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष कमेटी का गठन किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांचने का आदेश दिया है और दोषी प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मियों की पहचान करने का निर्देश दिया है।