भारत में आजकल डिजिटल पेमेंट बड़ी संख्या में होता है. साथ ही आजकल बैंकिंग ऐप्स के जरिए अकाउंट मैनेज किए जाते हैं और जरूरी ट्रांजैक्शन्स किए जाते हैं. लाखों रुपये के ट्रांजैक्शन्स भी आजकल बैंकिंग ऐप्स से आसानी से हो जाते हैं. हालांकि, इससे साइबर क्राइम का खतरा भी बढ़ा है. आए दिन लोगों के साथ ऐसे हादसे होते रहते हैं, जहां उनके अकाउंट से पैसे ऑनलाइन तरीके से लूट लिए जाते हैं. इसी को ध्यान में रखकर सरकार की ओर से एक नंबर जारी किया गया है, जिसे हर नागरिक को मालूम होना चाहिए. ताकी ऐसी किसी स्थिति में उन्हें मदद मिल सके.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक टोल-फ्री नंबर 1930 जारी किया है जिसे लोग इस्तेमाल करके खुद को साइबर लुटेरों के हाथ से बचा सकते हैं। इस नंबर पर कॉल करने पर आपको सीधे एक पेशेवर संज्ञान ग्रहण करने वाले टीम के साथ जोड़ा जाएगा। आपको आपके अकाउंट से जुड़ी सभी जानकारी देनी होगी और इसके बाद आपको सीधे सुचना मिलेगी कि आपकी शिकायत को लेकर कैसा एक्शन लिया जाएगा।
साइबर अपराध से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:
- कभी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, और अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहें।
- आपसे कभी भी नेटबैंकिंग या UPI पिन नंबर नहीं मांगा जाएगा, ध्यान रहे।
- सरकारी एवं अन्य सत्यापन के लिए हमेशा आधिकारिक चैनल्स का इस्तेमाल करें।
- संदेहजनक मैसेज या कॉल्स पर उत्तर न दें, और सीधे अपने बैंक को कॉल करें।
- इस तरह से, सरकार ने नागरिकों को साइबर अपराधों से बचने के लिए एक सुरक्षित रास्ता प्रदान किया है। यह साइबर अपराधों के खिलाफ एक मजबूत कदम है जो लोगों को दिजिटल स्वरूप से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।