महाराष्ट्र सरकार ने नए साल में किसानों और दूध उत्पादकों के लिए एक बड़ा तोहफा प्रस्तुत किया है, जिससे दूध उत्पादकों को पांच रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी मिलेगी। महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले को कैबिनेट की बैठक में लिया है, जिससे किसानों और दूध उत्पादकों को सीधे लाभ होगा।
इस सब्सिडी की सुविधा का फायदा सिर्फ उन पशुपालकों को मिलेगा जो सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करते हैं। इस पहल से केंद्र और राज्य सरकारें ने गरीब किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं और उन्हें स्थिर आर्थिक स्थिति में मदद करने का प्रयास किया है।
महाराष्ट्र के सीएम ने इस सुविधा को शुरू होने की तारीख के साथ जारी करने के लिए ट्विटर पर एक स्टेटमेंट जारी किया है। स्टेटमेंट में यह भी बताया गया है कि सब्सिडी एक माह के लिए ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक मिलती रहेगी।
सीएम ने ट्वीट में लिखा है, “सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से दुग्ध उत्पादक किसानों को 3.5 फैट/8.5 एसएनएफ गुणवत्ता के लिए न्यूनतम 27 रुपये प्रति लीटर की दर से कैशलेस मोड (ऑनलाइन) के माध्यम से संबंधित के व्यक्तिगत बैंक खाते में भुगतान करना अनिवार्य होगा। इसके बाद दूध उत्पादक किसानों को सरकार के माध्यम से प्रति लीटर 5 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में डाले जाएंगे।”
इस योजना से पहले, केंद्र सरकार ने भी किसानों के हित में कई उपाय किए हैं, जिसमें सीधे नकद राशि देने वाली PM किसान सम्मान निधि योजना, फसल बीमा योजना, और शिक्षित युवा किसानों के लिए कई और योजनाएं शामिल हैं। इन कदमों से, किसानों को उच्च रसायन मूल्यों और अन्य आर्थिक समस्याओं का सामना करने में मदद मिलेगी।
इस नए बदलाव के बारे में जानकर, महाराष्ट्र के किसानों और दूध उत्पादकों के बीच एक सकारात्मक माहौल बना है, जो उन्हें अपने उत्पादों को बेचने में आत्मविश्वास प्रदान कर सकता है। यह भी सुनिश्चित करेगा कि उन्हें उचित मूल्य मिलता रहे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहे।