- भोलेभंडारी को प्रतिष्ठित करने का अनुष्ठान प्रारंभ
- पूरा इलाका हुआ शिवमय, भक्तों में भारी उत्साह
जमशेदपुर: मानगो स्थित दाईगुट्टू का इलाका शिवमय हो चुका है. भोले भंडारी का जयकारा हो रहा और इलाके के श्री हर हर महादेव प्राचीन शिव मंदिर में मंदिर में उज्जैन से लाए गए नर्मदेश्वर शिव लिंग को प्रतिष्ठित यानी स्थापित करने का कार्य शिवरात्रि के दिन विश्वकर्मा भगवान की पूजा के साथ गुरुवार को प्रारंभ हो गया. इसे लेकर भक्तों में भारी उत्साह है. लोग तन-मन-धन से मंदिर में शिवजी को स्थापित करने के अनुष्ठान में बढ़ चढक़र भाग ले रहे हैं. इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ की स्थापना के साथ ही हनुमानजी, मां दुर्गा और मां सतबहिनी के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा होगी. अनुष्ठान 13 से 15 फरवरी तक होना तय हुआ है.
मंदिर कमेटी से जुड़े गिरीश सिंह व राजेंद्र राम ने बताया कि 13 फरवरी को कलश यात्रा गाजे बाजे के साथ निकलेगी. मंदिर परिसर में कलश यात्रा स्वर्णरेखा घाट के लिए प्रस्थान करेगी और नदी का पवित्र जल लेकर भक्त वापस मंदिर लौटेंगे. इसके बाद अनुष्ठान प्रारंभ होगा. उन्होंने बताया कि अपनी सनातन संस्कृति व कर्मकांड के अनुरूप सभी विग्रह का नगर भ्रमण कार्यक्रम 14 फरवरी को आयोजित किया जाएगा. 15 फरवरी को शिव जी की स्थापना व अन्य देवी देवताओं को विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा. उसी दिन महाभंडारा भी आयोजित किया जाएगा.
गुरुवार को आयोजित अनुष्ठान को पंडित अरुण कुमार पांडेय द्वारा संपन्न कराया गया. मुख्य यजमान के रूप में कमेटी के संयोजक रामावतार जायसवाल और सह यजमान के रूप में कमेटी के अध्यक्ष गिरीश सिंह अपनी पत्नी अंजु देवी और बेटा गीतिश कुमार के साथ शामिल हुए. इस पूजा में दाईगुट्टू के सभी बस्तीवासियों के साथ ही कमेटी के सभी सक्रिय सदस्य, मुख्य रूप से कमेटी के सचिव शिव कुमार सिंह, उपाध्यक्ष नुनू बाबू गुप्ता, सह सचिव मिथलेश कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष राजेंद्र राम, सह कोषध्यक्ष अरुण सिन्हा सहित शेखर यादव, अवधेश सिंह, राजनंदन सिंह, छोटू, राजेश, पूनम देवी, कुमुद देवी, अनुराधा सिंह आदि उपस्थित थे.
महाकाल की नगरी उज्जैन आया नर्मदेश्वर शिवलिंग
इस प्राचीन शिव मंदिर में स्थापित करने के लिए श्री महाकाल की नगरी उज्जैन से नर्मदेश्वर शिवलिंग को लाया गया है. बताते चलें कि मानगो दाईगुट्टू के प्राचीन शिव मंदिर कमेटी का आठ सदस्यीय दल मध्य प्रदेश के उज्जैन गया था.वहां से लगभग 160 किलोमीटर दूर बकवान गांव से शिवलिंग लाया गया. शिवलिंग लाने के लिए उज्जैन जाने वाले में मुख्य रूप से अनिरुद्ध सिंह, अवधेश सिंह, मिथिलेश सिंह, शेखर यादव, राम अवतार जायसवाल, नुनु बाबु, शिव कुमार सिंह ,संजय कुमार सिंह शामिल थे.
भुज- शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन से टाटानगर स्टेशन पर जब इस शिवलिंग को उतारा गया था तो जय श्री महाकाल , हर हर महादेव और ओम नम: शिवाय की गूंज के बीच हर कोई शिवलिंग को देखने को आतुर था.टाटानगर स्टेशन से शिवलिंग को लेकर भक्त मानगो की ओर चले थे. मानगो के बड़ा बजरंगबली मंदिर के समीप सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग शिवलिंग के स्वागत, दर्शन व पूजन के लिए जुटे थे. शिवलिंग को देखकर भक्तों ने उत्साह देखते ही बन रहा था.
यहां पर सर्वप्रथम शिवलिंग लेकर आने वाले मंदिर समिति के सदस्यों का पुष्प हार देकर स्वागत किया गया था. तत्पश्चात शिवलिंग की पूजा आराधना की गई थी. इसके बाद फूलों से सजे हुए रथ पर शिवलिंग को रखकर शंख ध्वनि के बीच गाजे बाजे, ढोल नगाड़े के साथ बड़ा हनुमान मंदिर से सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त जुलूस के रूप में झूमते गाते दाईगुट्टू के पुराना शिव मंदिर गए थे.