नई दिल्ली: एक-दो नहीं, कम से कम 64 लाशें… पापुआ न्यू गिनी में जनजातीय हिंसा ने नरसंहार का रूप ले लिया है. स्थानीय पुलिस के अनुसार, ताजा हिंसा में 60 से ज्यादा लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. राजधानी पोर्ट मोर्सबी से कोई 600 किलोमीटर दूर, एनगा प्रांत में लाशों का ढेर मिलने से पूरे देश में सनसनी है. न्यूज एजेंसी AFP से बातचीत में असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस ने कहा कि ‘हमारा मानना है कि अब भी झाड़ियों में कई लाशें छिपी हुई हैं.’
पुलिस को तमाम फोटो-वीडियो मिले हैं जो कथित रूप से घटनास्थल के हैं. सड़क किनारे लाशें बिछी हुई थीं. सभी शव खून से लथपथ थे और उनपर कोई कपड़ा नहीं था. इन नरसंहार को पापुआ न्यू गिनी के तीन जनजातीय समूहों के संघर्ष का नतीजा बताया जा रहा है.
पिछले साल का खौफ: हिंसा में 150 से ज्यादा लोगों की मौत
पिछले साल, हिंसा में करीब 150 लोगों के मारे जाने के बाद पूरे प्रांत में लॉकडाउन करना पड़ा था. सोशल मीडिया पर तमाम फुटेज वायरल हुए थे जिसमें लोगों को ट्रकों के पीछे बांधकर घसीटा जा रहा था.
वजह का पीछा: पापुआ न्यू गिनी में होती है इतनी हिंसा
- आदिवासी संघर्ष: पापुआ न्यू गिनी के पहाड़ी इलाकों में जनजातीय समूह सदियों से आपस में लड़ते रहे हैं. हालांकि, अब नए-नए हथियारों तक पहुंच ने हिंसा में कई गुना इजाफा किया है. पुलिस के मुताबिक, हत्यारों ने SLR, AK-47, M4, AR15 और M16 राइफलों जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया.
- युवा हिंसा: पापुआ न्यू गिनी की आधी से ज्यादा आबादी 24 साल से कम उम्र की है. रोजी-रोटी का संकट है तो युवा हिंसा का रुख करते हैं. तमाम जनजातीय समूह आपस में अपनी शान के लिए टकराते हैं.
- काबू नहीं कर पाई सरकार: सरकार ने साम-दाम-दंड-भेद सब उपाय कर लिए, लेकिन हिंसा काबू नहीं कर पाई. सेना ने भी करीब 100 सैनिकों को तैनात कर रखा है लेकिन वे ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर हैं.
- बेहद रिमोट इलाकों में अंजाम: आमतौर पर नरसंहार की ऐसी घटनाएं बेहद रिमोट इलाकों में अंजाम दी जाती हैं. इन हमलों में नागरिकों को भी बख्शा नहीं जाता. पहले के कई मामलों में गर्भवती महिलाओं से लेकर बच्चे और बूढ़े तक शिकार बने हैं.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने पापुआ न्यू गिनी में हिंसा पर चिंता जाहिर की. उन्होंने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा, “पापुआ न्यू गिनी से जो खबर आई है वह बहुत परेशान करने वाली है. हम पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग और पापुआ न्यू गिनी में सुरक्षा के लिए काफी सहायता दे रहे हैं.”