पटना: भीषण गर्मी के चलते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और कोचिंग संस्थानों को 30 मई से 8 जून तक बंद रखने का आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सभी जिलाधिकारियों को यह आदेश बुधवार को जारी किया। शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी इस संबंध में पत्र भेजा गया है।
गर्मी से बचाने का प्रयास
राज्य में झुलसा देने वाली गर्मी की वजह से बेगूसराय, शेखपुरा, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, जमुई और कटिहार में 80 से अधिक छात्र-छात्राएं बीमार हो गए हैं। इन बच्चों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इन जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक रिकॉर्ड किया गया है। इस बार गर्मी ने पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
भीषण गर्मी और लू का प्रकोप
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले कुछ दिनों से अप्रत्याशित भीषण गर्मी और लू के प्रकोप से बिहार के अधिकांश जिले प्रभावित हैं। गया, औरंगाबाद, कैमूर जैसे जिलों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक दर्ज किया गया है। यह स्थिति अन्य जिलों में भी है। 29 मई को हुई आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि ऐसी गर्मी की स्थिति 8 जून तक बनी रहने की संभावना है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि सभी स्कूल, आंगनबाड़ी और कोचिंग संस्थानों में शिक्षण कार्य 30 मई से 8 जून तक बंद रखा जाए, ताकि बच्चों को भीषण गर्मी से बचाया जा सके।
सुरक्षा निर्देशों का पालन जरूरी
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को यह भी कहा है कि भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग के दिशा-निर्देशों और विभिन्न विभागों द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री का निर्देश: बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा था कि भीषण गर्मी और लू की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को बंद करने की उचित कार्रवाई की जाए, ताकि बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो। उन्होंने आपदा प्रबंधन समूह की बैठक आयोजित कर अन्य आवश्यक कार्रवाइयों को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस बीच, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने स्कूली छात्रों के बेहोश होने की घटनाओं पर राज्य सरकार को गंभीरता से लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बच्चों को लू से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। दिन का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को छू रहा है, लेकिन स्कूल खुले हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की और नौकरशाहों द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य से जुड़ा एक गंभीर मामला है और मुख्यमंत्री को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।