जमशेदपुर में साकची का कुमार पैथोलॉजी सेंटर एनएबीएल से मान्यता प्राप्त करने वाला शहर का पहला प्राइवेट लैब

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चंद्रदेव सिंह राकेश

जमशेदपुर : जमशेदपुर-झारखंड समेत पूरे देश में 35 हजार से अधिक पैथोलॉजी लैब हैं। लेकिन इनमें से 10 प्रतिशत से भी कम को एनएबीएल यानी नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज से मान्यता मिली है। तकनीकी भाषा में इस मान्यता को प्रमाणीकरण कहा जाता है।

जमशेदपुर इस मायने में अपने को गौरवान्वित समझ सकता है कि यहां कम से कम 4 पैथोलॉजी लैब ऐसे हैं जो एनएबीएल से प्रमाणीकरण हैं।

इनमें से तीन लैब टाटा घराने के अस्पतालों यानी टाटा मुख्य अस्पताल, टाटा मोटर्स अस्पताल और मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल हैं।

इनके बाद साकची आम बागान स्थित कुमार पैथोलॉजी सेंटर का नाम आता है जिसे एनएबीएल से मान्यता प्राप्त है।

कुमार पैथोलॉजी सेंटर एक प्रतिष्ठित मान्यता हासिल करने वाला शहर का पहला प्राइवेट लैब है जिसे जुड़ी जानकारी एनएबीएल की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

बताते चलें कि एनएबीएल भारत सरकार की राष्ट्रीय  लैब है जो गुणवत्ता की जांच करती है। अपने सभी निर्धारित मानकों पर किसी लैब के खरा उतरने के बाद ही उसे मान्यता मिलती है। एनएबीएल भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त (ऑटोनोमस) एजेंसी है। इसका उद्देश्य परीक्षण प्रयोगशालाओं (पैथोलॉजी सेंटर) की गुणवत्ता और तकनीकी क्षमता का मूल्यांकन करना है।

एनएबीएल की मान्यता मिल जाने के बाद पैथोलॉजी लैब की जांच की विश्वसनीयता बढ़ जाती है। लैब में जांच कराने वाले मरीजों का भी विश्वास बढ़ता है। साथ ही संबंधित पैथोलॉजी सेंटर के कर्मचारियों का भी हौसला बुलंद होता है।

कुमार पैथोलॉजी सेंटर के संचालक डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि उनके लैब को 29 सितंबर 2023 को ही एनएबीएल से मान्यता मिल गई।

इस बाबत एनएबीएल की ओर से  सर्टिफिकेट भी उनके पैथ लैब को मिल चुका है। एनएबीएल से मान्यता मिलने के बाद कुमार पैथोलॉजी सेंटर बढ़े हुए विश्वास के साथ मरीजों की सेवा करने को तत्पर है।

 डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि कुमार पैथोलॉजी सेंटर का नाम पिछले 33 वर्षों से जमशेदपुर शहर में जाना पहचाना है। जांच की गुणवत्ता के लिए यह पहले से ही जाना जाता है।

 एनएबीएल की मान्यता उसके लिए सोने पे सुहागा की तरह है। कुमार पैथोलॉजी सेंटर का लैब आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है।

 अभी हाल ही में कल्चर सेंसिटीबीटी और डायबिटीज की जांच एचडीए-1सी की सबसे अच्छी विधि एचपीएलसी द्वारा करने के उपकरण लगाए गए हैं।

कुमार पैथोलॉजी सेंटर डॉ. अरुण कुमार, एमडी (पैथोलॉजी एंड माइक्रोबाइलॉजी) और डॉ साकेत कुमार, एम डी पैथोलॉजी द्वारा संचालित है। 

इस लैब के सारे टेक्निशियन बीएमएलटी हैं और अपने काम में काफी दक्ष और निपुण हैं।

 डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि उनके लैब को एनएबीएल की मान्यता मिलना एक बहुत बड़ी उपलब्धि और गौरव का विषय है।

 एनएबीएल का मानक काफी कठिन है जिसमें लैब का प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट क्लिनिकल स्टेबलिशमेंट एक्ट का सर्टिफिकेट, वेस्ट मैनेजमेंट सर्टिफिकेट, उपकरणों की गुणवत्ता का सर्टिफिकेट, पैथोलॉजिस्ट एवं तकनिशियन की योग्यता की सर्टिफिकेट के साथ इंटरनल और एक्सटर्नल क्वालिटी कंट्रोल की जांच समेत कई मानक शामिल होते हैं।

      एक सवाल के जवाब में डॉ. कुमार ने कहा कि उन्हें गर्व और संतोष है कि उनका पैथोलॉजी सेंटर एनएबीएल से मान्यता हासिल करने वाला शहर का पहला लैब है। 

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