जमशेदपुर के गोल्डन लीफ रिज़ॉर्ट में धूमधाम से मनाया गया सावन उत्सव: महिलाओं ने सहेजी सांस्कृतिक धरोहर

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मृत्युंजय सिंह गौतम 

जमशेदपुर। गोल्डन लीफ रिज़ॉर्ट में सावन उत्सव का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर शहर की अनेक महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और अपनी पारंपरिक सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास किया।         

 

सावन का यह पावन महीना, जो हरियाली और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है, महिलाओं के उत्साह और उल्लास से भरा रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत भव्य सांस्कृतिक आयोजन से हुई, जहां महिलाओं ने पारंपरिक गीतों और संगीत के माध्यम से सावन के आगमन का स्वागत किया। 

हरियाली से सजी इस शाम में गीत-संगीत की गूंज ने मानो पूरे वातावरण को प्रफुल्लित कर दिया। कार्यक्रम में शामिल हर महिला ने पारंपरिक परिधानों में सजकर एक-दूसरे को सावन की बधाई दी और इस मौके को और भी खास बना दिया।

समय के साथ, सावन उत्सव के स्वरूप में भी बदलाव आया है। जहां पहले महिलाएं खेतों में झूला झूलने और प्रकृति के बीच समय बिताने जाती थीं, वहीं अब रिज़ॉर्ट और बाग-बगीचे इस परंपरा का नया स्वरूप बन गए हैं। 

हालांकि, सावन का उत्सव अब भी अपनी हरियाली और रंगीनियत को बनाए हुए है, जो महिलाओं के परिधानों और उनकी मुस्कान में साफ झलक रहा था।

 इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि परंपराओं का स्वरूप भले ही बदल जाए, लेकिन उनके प्रति भावनाएं और उत्साह आज भी वैसा ही बना हुआ है।

इस अवसर पर शामिल महिलाओं ने अपने अपने तरीके से इस उत्सव को खास बनाने का प्रयास किया। 

गीता, निक्की, कविता, आशा, उषा, मिलु, अश्मिमा, बिंदु दुबे, रेही, रेश्मे, सघन लता, बिंदु सिंह, ज्योति, संजु, तनुजा, माला, नीलम, कुमकुम, सुनीता रानी और मानसी ने अपने मनमोहक पहनावे और पारंपरिक अंदाज से इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया। 

सभी महिलाओं ने पूरे जोश और उत्साह के साथ इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का संकल्प लिया और इस अवसर को हर्षोल्लास के साथ मनाया।

 सावन का यह उत्सव न केवल पुराने रीति-रिवाजों को याद दिलाने वाला था, बल्कि उसने नई पीढ़ी को भी इस समृद्ध संस्कृति से जोड़ने का कार्य किया।

 इस प्रकार, गोल्डन लीफ रिज़ॉर्ट में मनाया गया यह सावन उत्सव सभी के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ गया।

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