देश में छह पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की संभावना है। यह योजना खाताधारकों को भी असर कर सकती है। खबर के अनुसार, सरकार इन बैंकों में 5-10% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है, जिनमें बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक शामिल हैं।
शेयर की तेजी से सरकार का लाभ
सरकार इन बैंकों की शेयर की कीमत में तेजी का फायदा उठाना चाहती है। इन बैंकों ने मौजूदा तिमाही में बेहतर वित्तीय प्रदर्शन किया है, जिससे निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में तेजी आई है। यह योजना से सरकार को बैंक ऑफ इंडिया में हिस्सेदारी बेचने से 4400 करोड़ रुपये की उम्मीद है, जो सरकार के लिए एक बड़ा लाभ हो सकता है।
क्या आईडीबीआई बैंक से सरकार बाहर निकलेगी?
आईडीबीआई बैंक को प्राइवेट सेक्टर का बैंक माना जा रहा है और सरकार इससे बाहर निकलने की तैयारी कर रही है। इससे सरकार 28,000-54,000 करोड़ रुपये तक जुटा सकती है, जो इससे ज्यादा हो सकता है अगर सरकार दूसरे सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचती है।
बैंकों का वित्तीय प्रदर्शन: बैंकों ने बढ़ाई अपनी संपत्ति
पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने 2022-23 में अपनी संपत्ति में 9.1% का इजाफा किया है। इसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक ने लोन और अग्रिम में 20% का इजाफा किया है।
खाताधारकों को हो सकता है प्रभाव
सरकार की इस हिस्सेदारी बेचने की योजना से खाताधारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बैंकों में कामकाज और सेवाएं पूरी प्रक्रिया पहले की ही तरह जारी रहेंगी।