रामगढ़, झारखंड। प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा मां छिन्नमस्तिके मंदिर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन आस्था और भक्ति की बयार बह उठी। न सिर्फ छिन्नमस्तिका मंदिर, बल्कि कोयलांचल के अन्य मंदिरों में भी कई धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं।
पहले दिन गुरुवार को आवासीय कॉलोनी के गायत्री मंदिर में संध्या आरती की गई। वही दूसरी ओर छिन्नमस्तिका मंदिर पहुंचे साधकों ने मां दुर्गा के पहले स्वरुप मां शैलपुत्री का आह्वान किया गया। इसके अलावा गिरि बाबा आश्रम में भी कलश स्थापित किया गया है। रामशरण गिरि के अनुसार आश्रम में कलश स्थापना कर हर दिन देवी का आह्वान किया जाता है। साथ ही भजन-कीर्तन और भक्ति जागरण का भी कार्यक्रम किया जा रहा है। अनुष्ठान के लिए कई भक्तों ने ऑनलाइन संकल्प लिया, हवन में भी शामिल हुए। कोरोना वायरस के कारण पूजा के भी स्वरूप बदलते जा रहे हैं। गुरुवार को शारदीय नवरात्र के पहले दिन दूरदराज के श्रद्धालु हवन, अनुष्ठान और पूजा समय के लिए नहीं पहुंचे।
परंतु ऐसे दर्जनों श्रद्धालु, जो यहां हर साल नियमित हवन करते हैं, वैसे श्रद्धालुओं ने पुजारियों के माध्यम से मोबाइल से ऑनलाइन संकल्प लिया। हवन कराने वाले पुजारियों ने बताया कि संकल्प के बाद उनके नाम नौ दिनों तक अनुष्ठान होगा। उसके बाद भक्तगण हवन के लिए रजरप्पा पहुंचेंगे।