स्वतंत्रता संग्राम व वीर शहीदों को समाज के जोडऩे में सफल रहा संस्कार भारती का जमशेदपुर में आयोजित तीन दिनी नाट्योत्सव

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जमशेदपुर : कला,साहित्य व रंगमंच को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की जमशेदपुर महानगर इकाई की ओर से सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन तुलसी भवन के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय राज्यस्तरीय नाट्योत्सव का समापन रविवार को हुआ. स्वतंत्रता संग्राम व वीर शहीदों को समाज के जोडऩे में यह आयोजन पूर्णत: सफल रहा. देश की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के क्रम में इसका आयोजन किया गया था.

अंतिम दिन यानी रविवार को प्रथम सत्र में पांच नाटकों का मंचन हुआ. संस्कार भारती की दुमका इकाई की प्रस्तुति सच्चा धर्म जिसे स्नेह नवीन चंद्र ठाकुर ने लिखा निर्देशित किया।रांची इकाई की प्रस्तुति स्वर्गलोक में भारत चर्चा ध्रुव कुमार मिश्रा द्वारा लिखित और निर्देशित थी जिसमे देश की विशिष्ट उपलब्धि दिखाई गई.
संस्कार भारती पलामू की प्रस्तुति एक अजनबी जिसके लेखक और निर्देशक सैकत चट्टोपाध्याय ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. बोकारो इकाई की प्रस्तुति सिलगाई का शेर के लेखक राकेश रमन और निर्देशक रोली प्रियदर्शी के कुशल मार्गदर्शन में बच्चों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी.
अंतिम प्रस्तुति जमशेदपुर इकाई की मुंशी प्रेमचंद की कहानी जिहाद थी जिसका निर्देशन कृष्णा सिन्हा ने किया. नाटक ने अंत तक दर्शकों को बांधे रखा.
रविवार को शाम में समापन सत्र में मुख्य अतिथि सांसद विद्युत वरण महतो ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कार और संस्कृति भारतीयों की पहचान है. संस्कार भारती इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. विशिष्ट अतिथि करुणेश शुक्ला ने कहा कि नाटक समाज के हर व्यक्ति तक संस्कृति को पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है. यह समाज को जागृत करता है.

अध्यक्ष डॉ. रागिनी भूषण और मंत्री विजय भूषण ने सभी आमंत्रित अतिथियों, प्रांत के पदाधिकारियों और कलाकारों का आभार व्यक्त किया. वंदे मातरम गीत के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.

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