उज्जैन: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है. भोलेनाथ की कृपा से व्यक्ति को सभी तरह के दुख-दर्द से मुक्ति मिल जाती है और जीवन सुखमय हो जाता है. आइए जानते हैं सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की अराधना कैसे करें और किन नियमों का पालन करना चाहिए
पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
शिवलिंग पर गंगा जल और दूध चढ़ाएं.
भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.
भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें.
भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
व्रत नियम
इस दिन सात्विक आहार लेना चाहिए. प्याज, लहसुन नहीं खाना चाहिए.
मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
अधिक से अधिक भगवान शंकर की अराधना करनी चाहिए.
ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए.
भगवान शिव की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री-
पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.