उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुई घटना ने लोगों को हिला दिया है, जब एक लड़की को गलत इंजेक्शन लगाया गया और उसकी मौत के बाद उसके शव को बाइक पर रख दिया गया। इस अद्भुत और दरिंदगी भरे घटने ने लोगों में आश्चर्य और आंदोलन की भावना उत्पन्न की है।
घटना का विवरण
- वायरल हुआ वीडियो: मैनपुरी जिले में एक लड़की को गलत इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद, उसके शव को अस्पताल के स्टाफ ने बाइक पर रख दिया। यह घटना सामाजिक मीडिया पर वायरल हो गई और लोगों में आश्चर्य और दुखभरी भावनाएं पैदा की हैं।
- आलोचना का शिकार: घटना के बाद, लोगों ने अस्पताल के प्रवृत्तियों को कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि अस्पताल ने उपचार में लापरवाही की और इसके परिणामस्वरूप लड़की की मौत हो गई।
- प्राधिकृतिक उपाय: घटना के बाद, उप मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई की घोषणा की है। उन्होंने अस्पताल का पंजीकरण रद्द किया और उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक यह लड़की 12वीं की छात्रा थी. मंगलवार को उसे तेज बुखार आया था, परिजनों ने उसे घिरोर के राधा स्वामी अस्पताल में भर्ती कराया और वहां उपचार शुरू हुआ. परिजनों के अनुसार, अस्पताल में इलाज में लापरवाही के कारण भारती की मौत हो गयी और अस्पताल संचालकों ने परिजनों को जानकारी दिए बिना भारती को निकालकर सड़क पर रख दिया. घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें दो लोग छात्रा को मोटरसाइकिल पर रखते हुए दिख रहे हैं, जिसके बाद छात्रा बाइक पर ही लुढ़क जाती है.
वीडियो में किसी की आवाज सुनाई देती है कि ‘‘तुमने पेशेंट को बाहर निकालकर डाल दिया’’. वीडियो में किसी को यह भी कहते सुना जा सकता है कि ‘‘रुको वीडियो बनाते हैं’’. इसके बाद वीडियो में एक महिला छात्रा को पकड़कर फफक फफक कर रोती हुई और ‘‘लल्ली-लल्ली’’ (बेटी-बेटी) कहते सुनी जा सकती है. 58 सेकेंड के इस वीडियो के आखिरी दृश्य में महिला के साथ एक पुरुष भी छात्रा के शव को बाइक से उतारते दिख रहा है.
इसके बाद अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए उक्त अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, घिरोर में भर्ती करा दिया गया है एवं अस्पताल का लाइसेंस निलम्बित करते हुए मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित कर दी गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट मांगी गयी है. अस्पताल का पंजीकरण रद्द करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराये जाने की भी कार्रवाई की जायेगी.
उधर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आदेश पर राधा स्वामी अस्पताल को ‘सील’ कर दिया गया है और उसका पंजीकरण भी रद्द कर दिया गया है. पाठक ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि राधा स्वामी अस्पताल, मैनपुरी में शव को बाइक पर रखने संबंधी मामले के संज्ञान में आते ही मुख्य चिकित्साधिकारी, मैनपुरी को इस संबंध में तत्काल कठोर कार्रवाई किये जाने के आदेश दिये गये हैं. इस संबंध में नोडल अधिकारी की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट के क्रम में करहल रोड पर स्थित
उक्त राधास्वामी अस्पताल को सील कर दिया गया है.
यह भी बताया गया कि अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए उक्त अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, घिरोर में भर्ती करा दिया गया है एवं अस्पताल का लाइसेंस निलम्बित करते हुए मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित कर दी गयी है. मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट मांगी गयी है. अस्पताल का पंजीकरण रद्द करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराये जाने की भी कार्रवाई की जाएगी.
घटना और समाज
इस घटना ने दरिंदगी की हद को पार करने वाले घटनों की ओर ध्यान खींचा है। यह घटना समाज को एक सवाल पूछने के लिए मजबूर कर रही है कि क्या हमारे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में किसी की जान की रक्षा कैसे की जा रही है। इससे उठने वाले प्रश्न समाज के न्याय और इंसानियत के मूल मूल्यों को लेकर हैं।
समाज की नई पीढ़ियाँ इस घटना से सिखती हैं कि सुरक्षा और सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, लोग अब भी और अधिक जागरूक होने की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं ताकि वे अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में लें और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को मापने के लिए सजग रहें।
यह घटना समाज के सभी वर्गों को मिलकर इस पर विचार करने और सुरक्षा के प्रति अपनी जागरूकता को बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाती है। यह समय है कि सरकार और समाज मिलकर सुनिश्चित करें कि इस तरह की घटनाएँ न हों और हर व्यक्ति को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हों।