हार्ट की बीमारियों से बचने को डॉ. शेट्टी के इन टिप्स पर कीजिए अमल, होगा फायदा ही फायदा

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चंद्रदेव सिंह राकेश

डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी । देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ। विश्व स्तर पर पहचान। अब तक 45 हजार से ज्यादा हृदय ऑपरेशन करने का रिकार्ड। किसी भी हार्ट पेसेंट के लिए भगवान से कम नहीं। डॉ. शेट्टी का झारखंड से भी गहरा लगाव है। जमशेदपुर के प्रसिद्ध आध्यात्मिक केन्द्र बेलडीह कालीबाड़ी के ब्रह्मलीन गुरुजी ब्रह्मानंद सरस्वती द्वारा तामोलिया में बनाये गए पूर्वी भारत के सबसे आधुनिक हृदय रोग अस्पताल ब्रह्मानंद हॉस्पिटल से डॉ. शेट्टी का सीधा जुड़ाव रहा। इस हृदय रोग अस्पताल में डॉ. शेट्टी का आना जाना रहा है। कुछ साल पहले उनसे हृदय रोग के कारणों से लेकर इलाज तक पर लंबी बातचीत हुई थी। यह बातचीत हमेशा पाठकों को लिए उपयोगी रहेगी। विश्व हार्ट दिवस पर हम उस बातचीत को पुन: पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।

  • सवाल : यह सुनना बेहद दुखद है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को हृदयाघात हुआ है. हम इसे कैसे समझ सकते हैं?
  • जवाब : इस तरह के हृदयाघात को साइलेंट अटैक कहते हैं। इसलिए हम 30 वर्ष से अधिक व्यक्तियों को रूटीन चेकअप की सलाह देते हैं।
  • सवाल :क्या हृदय की बीमारी वंशानुगत होती है।
  • जवाब : हां।
  • सवाल : हृदय में खिंचाच में किस वजह से होते हैं। इस खिंचाव को कैसे दूर किया जा सकता है?
  • जवाब : अपने जीने का अंदाज बदलिए। जीवन में हर चीज के पूरा होने की चाहत पर जो न दें।
  • सवाल : :क्या जॉगिंग करना, वाकिंग से बेहतर है या फिर कोई और व्यायाम है जिससे हृदय स्वस्थ रह सकता है?
  • जवाब : वाकिंग, जॉगिंग से बहतर है, क्योंकि जॉगिंग से थकान व जोड़ों में दर्द हो सकता है।
  • सवाल : आपने गरीब और जरूरतमंदों के लिए बहुत कुछ किया है। आप किससे प्रेरित होकर ऐसा करते हैं।
  • जवाब : मदर टेरेसा, जो मेरी मरीज भी रही थीं।
  • सवाल : जिनको निम्न रक्तचाप है, क्या उन्हें हृदय की बीमारियां हो सकती हैं?
  • जवाब : कभी-कभी ही।
  • सवाल : क्या जीवन की शुरूआती दौर में कॉलेस्ट्रोल का संचित हो सकता है। क्या हमें इसकी चिंता होनी चाहिए या फिर 30 वर्ष की उम्र के बाद ही इस बारे में सोचना चाहिए।
  • जवाब :कोलेस्ट्रॉल बचपन में भी जमा हो सकता है।
  • सवाल : क्या अनियमितत भोजन हृदय को प्रभावित करता है?
  • जवाब :अनियमित भोजन होने से हम जंक फूड खाने की ओर मुखातिब होते हैं और इससे हमारे शरीर के इंजाइम्स समझ नहीं पाते कि कौन सा रस स्रावित करना है।
  • सवाल : क्या जो व्यक्ति स्वस्थ रहा है उसे भी तनाव से हृदयाघात हो सकता है।
  • जवाब :ऐसा कभी-कभी ही होता है।
  • सवाल : बिना किसी दवा के सेवन के हम कैसे कॉलेस्ट्राल को नियंत्रित कर सकते हैं?
  • जवाब :नियंत्रित भोजन, टहलने की आदत और अखरोट का सेवन फायदेमंद है।
  • सवाल : क्या योग से हृदय स्वस्थ रह सकता है?
  • जवाब : हां, योग मदद करता है।
  • सवाल : हृदय के लिए सबसे अच्छा और सबसे खराब भोजन क्या है?
  • जवाब :सबसे बेहतर भोजन है फल और सबसे बुरा है तेल।
  • सवाल :यदि किसी व्यक्ति का एंजियोप्लास्टी हुआ है, उसके कितने स्टेंट बदले जाने की संभावना है?
  • जवाब : कोई स्टेंट बदला नहीं जाता। इसे केवल बंद कर दिया जा सकता है। इससे आप शुगर और कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर बच सकते हैं तथा दवाओं के सेवन से इससे बचा जा सकता है।
  • सवाल :क्या निगेटिव इमोशन जैसे कि डिप्रेशन और गुस्सा हृदय रोगों के कारण हैं?
  • जवाब : हमेशा नहीं, लेकिन दूसरी तरफ यह कहा जा सकता है कि पॉजिटीव इमोशन इसे ठीक करने में जरूर सहायक हैं।
  • सवाल :मैंने सुना है कि मस्तिष्क और हृदय के लिए संगीत थैरेपी कारगर होती है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
  • जवाब : मुझे लगता है, ये गारगर साबित होते हैं।
  • सवाल :कौन सा तेल स्वास्थ्यकर होता है- जिंजली, मंूगफली, सूर्यमुखी, सफोला या ऑलीव।
  • जवाब : सभी तेल नुकसानदेह होते हैं। इसीलिए तथाकथित बड़ी कंपनियों के तेल का मार्केटिंग बजट काफी बड़ा होता है।
  • सवाल :इसके नियमित रूटीन चेकअप क्या हैं? इसके लिए क्या कोई विशेष जांच करनी पड़ती है।
  • जवाब : सुगर और कॉलेस्ट्रॉल की जांच के लिए रूटीन चेकअप जरूरी है। रक्तचाप की जांच और इकोकार्डियोग्राफी के बाद ट्रेडमिल जांच करवाना चाहिए।
  • सवाल : हार्टअटैक के दौरान प्राथमिक उपचार के रूप में क्या करना चाहिए?
  • जवाब :व्यक्ति को आराम से लिटा दें उसके जीभ के नीचे एक एसप्रिन टेबलेट, साबिटे्रट के साथ रखे दें। पहले एक घंटे में बेहतर उपचार के लिए कॉरनेरी केयर यूनिट में उसे ले जायें।
  • सवाल :गैस्ट्रिक की समस्या से उत्पन्न दर्द और हार्ट अटैक से उत्पन्न दर्द के बीच क्या अंतर होता है?
  • जवाब :इसे इसीजी जांच के बिना यह बताना मुश्किल है।
  • सवाल :क्या कम पानी पीने से हृदय की समस्या हो सकती है?
  • जवाब :नहीं, हालांकि अधिक पानी एक सामान्य व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है।
  • सवाल :क्या यह सच है कि एक नन-डायबिटिक महिला की अपेक्षा डायबिटिक महिला को 3 से 7 गुना ज्यादा हृदय की बीमारी का खतरा रहता है? क्या उच्च रक्तचाप के रोगियों के साथ भी ऐसा ही है?
  • जवाब :महिलाएं 45 वर्ष की उम्र तक हार्मोंस के स्रावित होने के कारण सुरक्षित रहती हैं। इसके बाद इनकी समस्याएं भी आम आदमी की तरह बढ़ जाती है। हृदय इलाज में महिला मरीजों की स्थिति पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा नाजुक होती है।
  • सवाल :क्या कोई ऐसा लक्षण है जो हृदय की होने वाली परेशानियों के लिए आगाह कर सके।सांस लेने में परेशानी तथा छाती में दर्द इसके लक्षण हैं।
  • सवाल :यदि सिी को हर्ट अटैक हुआ हो तो उसे कब तक नियमित चेकअप कराना चाहिए।
  • जवाब : छह महीने में एक बार।
  • सवाल :हमलोगों में अधिकांश लोगों की दिनचर्या अनियमित होती है और कई लोग देर रात तक आफिस में काम करते हैं, क्या इसका हमारे हृदय पर असर पड़ता है। इसके लिए आप किस तरह की सावधानी की सलाह देंगे।
  • जवाब : जब तक युवा होते हैं, तब तक प्रकृति आपकी अनियमितताओं से रक्षा करती रहती है पर उम्र बढऩे के साथ आपको कुछ नियमों का अनुपालन करना चाहिए।
  • सवाल :नसों में ब्लॉकेज होने से पहले हम कैसे जान सकते हैं।
  • जवाब : खून की जांच, इसीजी, टीएमटी, स्ट्रैट थैलियम स्कैन, कैल्शियम स्तर जानने के लिए कार्डियक सीटी स्कैन करवाकर हम इस बारे में जान सकते हैं।
  • सवाल :क्या समय-समय पर बायें हाथ में दर्द होना हृदय की बीमारी को दर्शाता है।
  • जवाब : आमतौर पर हर्ट अटैक होने के कुछ माह पूर्व या साल पहले ही सांस लेने में तथा सीने में तकलीफ का आभास होने लगता है अत: जैसे ही आपको इन लक्षणों का आभास हो तुरंत चेकअप करवायें।
  • सवाल :क्या अस्थमा के मरीजों में हृदयरोग की संभावना ज्यादा होती है?
  • जवाब : नहीं।
  • सवाल :क्या कारण है कि भारतीयों में हृदयाघात की संभावनाएं तीन गुना ज्यादा होती है इसके क्या कारण हैं, जबकि अमेरिकी और यूरोपियन भी जंक फूड का सेवन करते हैं?
  • जवाब : प्रत्येक जगह के लोगों में कोई न कोई समस्या होती है लेकिन दुर्भाग्यवश भारतीयों में यह समस्या कुछ ज्यादा ही है।
  • सवाल :क्या यह सच है कि ओपेन हर्ट सर्जरी के बाद मरीज की कुछ याददाश्त समाप्त हो जाती है।
  • जवाब : नहीं ऐसा नहीं है।
  • सवाल :यदि दिल में सूक्ष्म छिद्र हो जाए तो उसे ठीक करने के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं? क्या ऑपरेशन ही इसका एकमात्र इलाज है?
  • जवाब : छह महीने से कम उम्र के बच्चों के छिद्र तो बंद हो सकता हैं लेकिन जो बच्चों के हृदय रोग के विशेषज्ञ हैं वो ऑपरेशन करना ठीक नहीं मानते।
  • सवाल :यदि कोई व्यक्ति कोई व्यायाम नहीं करता तो क्या किसी हार्ड वर्क करते समय सांस लेने में दिक्कत होती है, मसलन सीढ़ी चढऩे आदि में।
  • जवाब : नहीं। ऐसा नहीं है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति को कोई दिक्कत होती है तो उसे एक बार हृदय रोग विशेषज्ञ से मिल लेना चाहिए।
  • सवाल :क्या कोई व्यक्ति हृदयाघात के समय स्वयं अपनी मदद कर सकता है?
  • जवाब : हां। आराम से नीचे लेट जाइए और एक एस्प्रीन की गोली खा लीजिए और फिर किसी से कहिए कि नजदीक के किसी कॉरोनरी केयर यिनिट में आपको ले जाये। एंबुलेंस का इंतजार मत कीजिए क्योंकि अधिकांश समय में यह देर से ही पहुंचती है।
  • सवाल :क्या बाइपास सर्जरी भविष्य में हर्ट अटैक की संभावनाओं को कम करता है?
  • जवाब : हां। बिल्कुल इसके बाद हर्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
  • सवाल :हर्ट सर्जरी के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
  • जवाब : खान-पान, व्यायाम, समय पर दवाएं लेना, कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना, ब्लड प्रेशर और वजन नियंत्रण करना जरूरी है।
  • सवाल :यदि 85 फीसदी धमनियां बंद हो जाती हैं तो क्या बिना सर्जरी के इलाज संभव है, यदि नहीं तो इसका इलाज क्या है?
  • जवाब : यह धमनियों के अन्य गुण तथा हृदय के उत्तकों पर पूरी तरह नेचुरल व कॉलेस्ट्रॉल बाइपास पर निर्भर करता है और बिना एंजियोग्राफी फिल्म को देखे बिना कुछ भी कहना मुश्किल है।
  • सवाल :क्या यह सच है कि मेकेनिकल वाल्व कभी भी बेकाम हो सकत हैं?
  • जवाब : नहीं, थक्का जमने से बचने के लिए यदि आप दवाएं लेते हैं और आइएनआर के स्तर को सामान्य बनाये रखते हैं तो वाल्व बंद नहीं हो सकता। जबकि दूसरे मेकेनिकल यंत्र की तरह खराब हो सकता है और भाग्यवश ऐसी घटनाएं बहुत कम होती है।
  • सवाल :क्या आप पल्मोनरी स्टोनेसिस के बारे में बता सकते हैं? इसमें किस तरह की परेशानियां होती हैं और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
  • जवाब : ऐसी स्थिति में पल्मोनरी वाल्व जन्म के समय संकरा होता है और वाल्व में बैलून रखकर और इसे फैलाकर ठीक किया जा सकता है।
  • सवाल :हृदय को स्वस्थ कैसे रखा जा सकता है?
  • जवाब :स्वास्थ्यवद्र्धक भोजन करें, जंक फूड न खायें, नियमित व्यायाम करें, धुम्रपान न करें और 30 के बाद दो वर्ष में एक बार स्वास्थ्य की जांच करायें, साथ ही मेहनत करें।

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