भारतीय रेलवे ने ट्रेनों की सफाई को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट (Automatic Coach Washing Plants) का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर साझा किया है। इस प्लांट का उपयोग ट्रेनों को 15-20 मिनट में पूरी तरह से साफ करने के लिए किया जा सकता है।
विशेषताएँ:
- मल्टी-स्टेप क्लीनिंग सिस्टम: यह प्लांट मल्टी-स्टेप क्लीनिंग सिस्टम का उपयोग करती है, जिसमें डिटर्जेंट सॉल्यूशन, हाई प्रेशर वॉटर जेट, और घूमने वाले ब्रश शामिल होते हैं।
- कम पानी खपत: इस प्लांट का उपयोग करने से पानी की खपत को कम किया जा सकता है, जो पर्यावरण के लिए अच्छा है।
- मिनिमल एनर्जी और मेंटेनेंस: इस प्लांट की विशेषता यह है कि इसके उपयोग में मिनिमल एनर्जी, मेंटेनेंस, और मैन पावर की आवश्यकता होती है।
- आधुनिक तकनीक: इस प्लांट में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है जो ट्रेनों की सफाई को और भी अधिक आसान और तेज बनाता है।
- सफाई में सुरक्षा: यह प्लांट कोच की सफाई में सुरक्षित होती है, जिससे कर्मचारियों की जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
- कम लागत: इसके एक प्लांट को तैयार करने की लागत करीब 1.9 करोड़ रुपये है, जो इसके सुविधाओं के मुकाबले काफी कम है।
- व्यापक उपयोग: रेलवे ने अगस्त 2023 तक ऐसे 67 प्लांट्स को शुरू किया है, जो ट्रेनों की सफाई को सुविधाजनक और तेज बनाते हैं।
यह प्लांट ट्रेनों की सफाई को और भी सुविधाजनक और पर्यावरण-अनुकूल बना सकता है, और यात्रीगण को साफ और स्वच्छ यात्रा का आनंद लेने में मदद कर सकता है।