बेंगलुरु: राजधानी एक्सप्रेस के सफर में एक बुजुर्ग जो कि कंफर्म एसी फर्स्ट क्लास में यात्रा कर रहे थे, उन्हें टिकटलेस यात्री बताकर उनसे 22,000 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है. इस अनोखे मामले ने उन्हें चौंका दिया और उनके बेटे ने उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दे की आपील की है, जहां से उन्हें दोगुना मुआवजा भी मिला है.हालांकि, इसके लिए बेटे को काफी दौड़-भाग करनी पड़ी. यह बुजुर्ग कपल बेंगलुरु का रहने वाला है.
कंफर्म टिकट के बावजूद फंस गए बुजुर्ग कपल
बेंगलुरु के रहने वाले आलोक कुमार ने पिछले साल मार्च में अपने 77 और 71 साल के माता-पिता की यात्रा के लिए आईआरसीटीसी पोर्टल का यूज करके कन्फर्म टिकट बुक किए थे, जिसके लिए उन्होंने 6,995 रुपये का पेमेंट किया था. हालांकि, टीसी द्वारा उनके पीएनआर नंबर की जांच किया गया. उन्होंने दावा किया कि उनके कन्फर्म टिकटों का स्टेटस “नो रूम” दिखलाया गया था. यह बुजुर्ग कपल के लिए यह यात्रा दर्दनाक साबित हुई. कपल ने टिकट चेकर को अपने कन्फर्म टिकट दिखाए, लेकिन उसने विश्वास करने से इनकार कर दिया. इसके बजाय उन्हें “बिना टिकट यात्री” के रूप में टैग किया. टीओआई के मुताबिक, उन्होंने 22,300 रुपये का जुर्माना लगाया.
बेटे ने आईआरसीटीसी से दर्ज की शिकायत
न्हें बेंगलुरु में IRCTC या SWR के अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद, अप्रैल 2022 में कुमार ने बेंगलुरु शहरी तृतीय अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई. SWR के अधिकारी कोर्ट में नहीं आए, तो IRCTC के वकील ने कहा कि वो सिर्फ टिकट बुक करवाते हैं, जुर्माना लगाना उनका काम नहीं है. इस वजह से केस खारिज हो गया. फिर कन्ज्यूमर कोर्ट ने आलोक कुमार के माता-पिता को 30,000 रुपये हर्जाना और उनके मुकदमे के खर्च के लिए 10,000 रुपये देने का आदेश दिया.