छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक महीने पहले हुए 24 वर्षीय युवक की हत्या का रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया है। पटना थाना क्षेत्र के ग्राम खोंड में हुई इस हत्या के पीछे की कहानी चौंकाने वाली है। पुलिस के अनुसार, इस हत्या को अंजाम देने वाले और कोई नहीं बल्कि मृतक के बुआ और फूफा ही थे। हत्या के बाद दोनों ने शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की, लेकिन किसी के आने की आहट सुनकर वे शव को कुएं के पास छोड़कर भाग गए। अब पुलिस ने हत्या के कारणों का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
नवरात्र पूजा के लिए दी भतीजे की बलि?
पुलिस की जांच में पता चला कि चैत्र नवरात्रि के दौरान पूजा की समाप्ति के लिए बुआ-फूफा ने अपने 24 वर्षीय भतीजे शानू पनिका उर्फ धनेश्वर की बलि दे दी। दरअसल, शानू अपनी बुआ अमरावती के घर पर नवरात्रि की पूजा के दौरान ही रुकता था। अमरावती और उनके पति बजरंग का मानना था कि नवरात्रि के 12 वर्ष पूरे होने पर शानू के बाल और नाखून काटकर आहुति देनी चाहिए। इसी अंधविश्वास के चलते उन्होंने उसकी हत्या का षड्यंत्र रचा।
रात में जब शानू छत पर सो रहा था, तब बुआ ने उसके बाल और नाखून काटने की कोशिश की। शानू के विरोध करने पर फूफा बजरंग ने गमछे से उसका गला घोंटने की कोशिश की और बुआ ने सब्बल से हमला कर दिया, जिससे शानू की मौत हो गई। इसके बाद दोनों ने शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की, लेकिन किसी के आने की आहट सुनकर वे शव को कुएं के पास छोड़कर भाग गए।
कैसे खुला हत्या का राज?
पिछले महीने शानू का शव उसकी बुआ के घर के बाहर कुएं के पास मिला था। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई क्योंकि शव पर खरोंच और नाखून उखड़े होने के निशान थे। सिर पर भी चोट के निशान थे। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें हत्या की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने शानू की बुआ और फूफा से पूछताछ की। पहले तो उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन कड़ी पूछताछ के बाद उन्होंने हत्या की बात स्वीकार कर ली।
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी बुआ अमरावती देवी और उनके पति बजरंग के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने) और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार, 19 अप्रैल को शानू का शव मिला था और उसके भाई अमित ने हत्या की आशंका जताते हुए इसकी सूचना पुलिस को दी थी। इसके बाद से ही पुलिस मामले की जांच में जुटी थी।