पुणे: ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी के एक मामले ने शहर में हड़कंप मचा दिया है। 53 वर्षीय एक इंजीनियर और उनके भाई को व्हाट्सएप के माध्यम से 2.45 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। पुलिस के अनुसार, इन दोनों को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शेयर ट्रेडिंग से भारी मुनाफे का लालच दिया गया, जिससे वे ठगों के जाल में फंस गए।
कैसे हुआ स्कैम?
इस धोखाधड़ी की शुरुआत एक व्हाट्सएप ग्रुप से हुई। पीड़ित को इस ग्रुप में शामिल किया गया, जहां शेयर खरीदने और बेचने से भारी मुनाफे का वादा किया गया। ठगों की बातों में आकर, पीड़ित ने अपने भाई के साथ मिलकर एक ‘शेयर खरीदने का खाता’ खोला और व्हाट्सएप ग्रुप की जानकारी के आधार पर शेयर खरीदने लगे।
पुलिस की प्रतिक्रिया
डिघी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ इंस्पेक्टर विजय धामले ने बताया कि शिकायतकर्ता कंप्यूटर इंजीनियर हैं और पुणे के येरवदा क्षेत्र में स्थित एक कंपनी में काम करते हैं। उनके भाई भी कंप्यूटर इंजीनियर हैं। धामले ने बताया कि ठगों ने पीड़ित के मोबाइल नंबर को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया था, जहां जनवरी में शेयर ट्रेडिंग से मुनाफे की बातें हो रही थीं।
पैसे कैसे उड़ाए गए?
ठगों ने एक नकली स्क्रीन प्रोग्राम का इस्तेमाल किया, जिससे पीड़ितों को दिखाया गया कि उन्हें शेयर ट्रेडिंग में भारी मुनाफा हो रहा है। बाद में, ठगों ने उन्हें और ज्यादा मुनाफे का लालच देकर महंगे शेयरों में निवेश करने के लिए कहा। उन्होंने पीड़ित को तीन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। पीड़ित ने कुल ₹1.68 करोड़ रुपये का निवेश किया और बाद में, ₹1,67,80,000 और उनके भाई ने ₹77,50,000 विभिन्न बैंक खातों में जमा कर दिए। उन्हें विश्वास दिलाया गया कि यह पैसा शेयर बाजार में निवेश किया जा रहा है।
झूठे मुनाफे का जाल
मार्च में, जब पीड़ित ने अपना पैसा निकालने का फैसला किया, तो ठगों ने उसे बताया कि वह ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि सेबी और अन्य एजेंसियों ने उसका खाता बंद कर दिया है। पुलिस ने बताया कि तब पीड़ित को एहसास हुआ कि यह एक जालसाजी थी और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
आगे की कार्रवाई
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और ठगों को पकड़ने के लिए प्रयासरत है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ऑनलाइन निवेश करते समय सतर्क रहना कितना जरूरी है।
सावधान रहें, सतर्क रहें
ऑनलाइन निवेश के मामले में हमेशा सतर्क रहें और किसी भी प्रकार के लालच में न आएं। किसी भी निवेश से पहले उसकी सत्यता और विश्वसनीयता की जांच करें। इंटरनेट पर बढ़ते साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूक रहें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत पुलिस को सूचना दें।