ईवीएम में झोल? बटन दबाया साईकिल का पर्ची निकली कमल की! जानिए सच

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आजमगढ़: उत्तर प्रदेश में 14 लोकसभा सीटों पर छठे चरण की वोटिंग समाप्त हो गई है, जिसमें 6 बजे तक 54.00 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे अधिक मतदान अंबेडकर नगर (61.54%) और सबसे कम फूलपुर (48.94%) में हुआ। इस बार तीन लोकसभा क्षेत्रों में 2019 के मुकाबले अधिक मतदान हुआ। हमने यूपी की 67 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न होने पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त नवदीप रिणवा से विशेष बातचीत की। इस दौरान एक अनोखी शिकायत भी दर्ज की गई, जिसे कैसे हल किया गया, इसकी विस्तृत जानकारी हम आपको देंगे।

सवाल: यूपी में छठे चरण की 14 लोकसभा सीटों पर किस तरह से मतदान हुआ?

नवदीप रिणवा: यूपी की 14 लोकसभा सीटों पर मतदान, एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव और एक पोलिंग बूथ पर रिपोलिंग हुई है। प्रदेश में अधिक शिकायतें आईं, लेकिन उनमें से बहुत कम ही सही पाई गईं। छठे चरण में औसतन 54 फीसदी मतदान हुआ, जो 2019 की तुलना में 0.49 फीसदी कम है।

सवाल: 14 लोकसभा सीटों पर कितना प्रतिशत मतदान हुआ है?

नवदीप रिणवा: 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 14 सीटों पर 54.49 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार अंबेडकर नगर, श्रावस्ती और फूलपुर लोकसभा सीटों पर पिछली बार से अधिक मतदान हुआ है। इलाहाबाद लोकसभा सीट पर 2019 के बराबर 51.75% ही मतदान हुआ, जबकि अन्य सीटों पर थोड़ा कम मतदान हुआ है।

सवाल: रामपुर की गैंसडी विधानसभा उपचुनाव और एटा जिले के एक पोलिंग बूथ पर रिपोल का क्या परिणाम रहा?

नवदीप रिणवा: गैंसडी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में 51.10% मतदान हुआ और एटा जिले की फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर रिपोलिंग में 73.99% मतदान हुआ। दिन भर आई शिकायतों का तत्परता से निस्तारण किया गया।

सवाल: आजमगढ़ लोकसभा सीट से एक अनोखी शिकायत दर्ज की गई थी, उसमें क्या हुआ?

नवदीप रिणवा: आजमगढ़ लोकसभा सीट के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 83 पर 5:45 बजे एक वोटर ने शिकायत दर्ज कराई कि उसने साइकिल के निशान का बटन दबाया, लेकिन पर्ची कमल के निशान की निकली। इस शिकायत को गंभीरता से लिया गया। नियम के अनुसार, शिकायतकर्ता से लिखित में शपथ पत्र लिया गया, ताकि अगर उसकी शिकायत गलत निकले तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। फिर से वोट डालने पर, उसने साइकिल का बटन दबाया और पर्ची भी साइकिल की ही निकली। इस प्रक्रिया को टेस्ट वोट कहा जाता है, जो इस लोकसभा चुनाव में पहली बार हुआ। शिकायत गलत निकलने पर उस वोटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग किसी भी शिकायत को गंभीरता से लेता है और त्वरित कार्रवाई करता है। इससे मतदाताओं का विश्वास चुनाव प्रक्रिया में बना रहता है। अगर आपके पास भी कोई शिकायत है, तो उसे तुरंत दर्ज कराएं और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में अपना योगदान दें।

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