महाकुंभ में स्वामी अवधेशानन्द  गिरी जी के भव्य व विराट शिविर से बिखर रही दिव्य सनातन संस्कृति, दिख रहा जमशेदपुर का सेवा भाव

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चंद्रदेव सिंह राकेश

वरिष्ठ पत्रकार जमशेदपुर  

महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज सज चुका है. त्रिवेणी का नगरी दमक रही है, कुंभ क्षेत्र में संत-महात्मा पधार चुके हैं. उनके शिविरों से सनातन संस्कृति बिखर रही है. कई भव्य शिविर दिव्यता का अहसास करा रहे हैं,
ऐसा ही एक शिविर है जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित पूज्यपाद श्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज यानी पूज्य प्रभुश्री का.
इस शिविर में छह जनवरी से ही श्रीमदभागवत कथा प्रारंभ हो चुकी है. स्वामी जी से मुखारविंद से कथा का श्रवण करने हर दिन हजारों लोग शिविर में आ रहे हैं. सोशल मीडिया के माध्यम के लाखों की संख्या में सनातनी इस कथा के सागर मे गोते लगा रहे हैं. स्वामी जी 12 जनवरी तक भागवत कथा सुनाएंगे. उनका कार्यक्रम हर दिन सुबह नौ बजे से दिन 12 बजे तक होता है.
आज नौै जनवरी है. महाकुंभ की शुरुआत के पहले कुंभ क्षेत्र में तंबूओं का शहर बस गया है. यहां दस हजार से अधिक संस्थाओं के साथ वीआईपी संतों के शिविर बने हैं. कुंभ क्षेत्र में ऐसे कई शिविर हैं, जिनके सामने राजाओं की रियासत और महल भी फीके पड़ जाएंगे. 
हम एक ऐसे ही भव्य,विशाव व दिव्य शिविर की जानकारी साझा कर रहे हैं जो सेक्टर 18 में हरिचंद्र चौराहे के अन्नपूर्णा मार्ग पर बना है. प्रयागराज स्टेशन से इसकी दूरी करीब 10 किमी है. झूसी होकर इस शिविर में जाया जा सकता है.
यह शिविर जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित पूज्यपाद श्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज का है. यह एक महल की प्राचीर का दर्शन करा रहा है.
कुल 56 बीघे में बने इस शिविर की न्यवस्था की कमान जमशेदपुर के समाजसेवी व स्वामी जी के अनन्य भक्त सुरेंद्र सर्राफ के हाथों में है. अन्न क्षेत्र से लेकर तमाम तरह की न्यवस्था सुरेंद्र सर्राफ के कंधों पर है. इस महती जिम्मेदावी को वहन करने में उन्हें जमशेदपुर के ही एक अन्य समाजसेवी रमेश अग्रवाल का भी सहयोग मिल रहा है. सुरेंद्र सर्राफ पिछले करीब एक महीने से प्रयागराज में हैं. रमेश अग्रवाल भी वहां पहुंच चुके हैं. जमशेदपुर से गयी करीब 200 लोगों की टीम सेवा में जुट गयी है.
इस शिविर में हर दिन दस हजार से ज्यादा लोगों के प्रसाद यानी भोजन की व्यवस्था है. प्रसाद सात्विक लेकिन लजीज होता है. जमशेदपुर के जुगसलाई निवासी शंकर महाराज की टीम प्रसाद बनाने व परोसने का दायित्व संभाल रही है. बताते चलें कि देश के किसी भी हिस्ते में स्वामी जी का कोई बड़ा कार्यक्रम होता है तो प्रसाद की व्यवस्था की कमान जमशेदपुर की टीम के ही हाथों में रहती है.
अब इस शिविर के बारे में  आगे की जानकारी. स्वामी जी का यह शिविर तीन कैंप में विभाजित है. इस शिविर के बीच में एक गुम्बद बना  है जिसमें शिविर के मुखिया आचार्य महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी जी प्रवास कर रहे हैँ. उसके दाहिने हाथ में प्रवचन पंडाल है जिसकी क्षमता 2 लाख से अधिक की है. 130 गुणा 300 वर्गफीट में यह बना है. शिविर में भक्तों के लिए 3500 अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस टेंट बने हैं. इनके अलावा सात-आठ हजार लोगों के भी ठहरने की व्यवस्था है.
शिविर के अन्दर 50 बेड की क्षमता का एक अत्याधुनिक सभी सुविधाओं वाला अस्पताल भी बना है.

वैसे तो इस शिविर में अभी भागवत कथा चल रही है. लेकिन शिविर परिसर में विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक समागम भी आयोजित किए जाएंगे. जिसमें पर्यावरण और जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं. नारी शक्ति और सनातन धर्म के विभिन्न आयामों पर भी चिंतन होगा. जमशेदपुर से कुंभ में शामिल होने पहुंचे समाजसेवी अनिल अग्रवाल ने शिविर को अवलोकन करने के बाद इसकी दिव्यता व भव्यता को अद्भुत व अकल्पनीय बताया.
बताते चलें कि स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज देश के टॉप पांच वीवीआईपी संतों में गिने जाते हैं.  वैसे तो उनकी पहचान भागवत कथा के प्रवचन से जुड़ी है लेकिन उन्होंने कई सामाजिक जागरण के कार्यों में भी अपना योगदान दिया है. स्वामी अवधेशानंद गिरी सबसे अधिक नागा संन्यासियों वाले अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं और  नागा साधुओं को संन्यास की दीक्षा देते हैं. विदेशों में भी उनके विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं. उनके भक्तों की संस्था प्रभु प्रेमी संघ की शाखाएं देश के प्रमुख शहरों के अलावा विदेशों में भी हैं.

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