रांची : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) चाह रही है कि लोक आस्था के सबसे बड़े पर्व के रूप में पहचान रखनेवाले छठ महापर्व पर मांस की दुकानों को स्वत: बंद रखकर सौहार्द का परिचय दिया जाना चाहिए। इससे सामाजिक भाईचारे को मजबूती मिलेगी और सरकार या प्रशासन के सामने आदेश निर्गत करने की स्थिति नहीं आएगी।
विहिप की झारखंड इकाई के प्रचार प्रसार प्रमुख संजय कुमार ने कहा कि छठ आस्था का त्योहार है। नेति-धर्म का त्योहार है। स्वच्छता का त्योहार है। इस लिहाज के इस चार दिवसीय लोक उत्सव के दौरान किसी तरह के मांस की दुकानों को नहीं खोला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि छठ महापर्व से राज्य के करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं और लोग बहुत ही उत्साह व उमंग के साथ-साथ सतर्कता व सजगता के साथ इस पर्व को मनाते हैं।
संजय कुमार ने कहा कि देखने व समझनेवाली बात यह होती है कि छठ में प्रसाद बनाने के लिए जिस गेहूं का आटा बनाया जाता है, उस गेहूं को सुखाने के लिए अति सतर्कता रहती है जिससे उस गेहूं पर मक्खी तक नहीं बैठ सके।
विहिप नेता ने कहा कि छठ के दौैरान मांस की दुकानों को बंद कराने के लिए संगठन के स्तर से सरकार से मांग की गई है। जिला उपायुक्तों को भी इस बावत समय रहते ज्ञापन दिया जा चुका है। कई जिलों में आदेश भी निर्गत किए जा चुके हैं।
संजय कुमार ने कहा कि अच्छा तो यह होता कि मांस का कारोबार करनेवाले लोग खुद ही चार दिनों तक छठ के दौरान अपनी दुकान बंद रखने की घोषणा कर देते. ऐसा करने से समाज में सकारात्मक संदेश जाता।
उन्होंने कहा कि वैसे सरकार के स्तर से यह आदेश निकाल दिया जाना चाहिए कि छठ के दौरान चार दिनों तक मांस की दुकानें बंद रहेंगी. ऐसा होने से राज्य के करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत नहीं होंगी. पवित्र वातावरण में सौहार्द के साथ लोग छठ महापर्व मनाया करेंगे।