समाजसेवी महेंद्र नारायण सिंह ने भजन संग्रह के रूप में नई पीढ़ी को सौंपी सनातन धर्म की थाती

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  • पुस्तक भजन सिंधु का विधायक सरयू राय ने किया लोकार्पण

जमशेदपुर: शहर के डिमना चौक स्थित पंचवटी कॉलोनी निवासी व समाजसेवी महेंद्र नारायण सिंह ने भजन संग्रह के रूप में नई पीढ़ी को सनातम धर्म की थाती सौंपी है ताकि धर्म प्रचार का सिलसिला अनवरत जारी रहे.

उनके द्वारा गाए-गुनगुनाए गए भजनों के संग्रह भजन सिंधु का लोकार्पण शहर के साकची स्थित होटल गंगा रिजेंसी में राज्य के पूर्व मंत्री व विधायक सरयू राय ने किया.

इस मौके पर समाजसेवी व बिल्डर विकास सिंह समेत शहर की अनेक जानी-मानी हस्तियां उपस्थित थीं. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सरयू राय व विशिष्ट अतिथि के रूप में विकास सिंह उपस्थित थे.

भजन सिंधु का लोकार्पण करते हुए सरयू राय ने कहा कि सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने में यह भजन संग्रह गागर में सागर का काम करेगा क्योंकि इसमें भजनों की हर विधा को समेटा गया है. सगुण भी है और निर्गुण भी. कबीर का भी अक्स दिख रहा तो संस्कार के प्रति समर्पण भी नजर आ रहा. उन्होंने कहा कि आज के जमाने में जिस तरह से युवा पीढ़ी का मन मिजाज बदल रहा, उसे देखते हुए सनातन धर्म की थाती को इस पुस्तक के रूप में नई पीढ़ी को सौंपना अनुकरणीय उदाहरण है.

राय ने अपने सारगर्भित संबोधन में बड़े ही सधे शब्दों में धर्म की व्याख्या करते हुए पुस्तक में छपे कुछ भजनों का उल्लेख किया और बताया कि क्यों सनातन धर्म का अस्तित्व सदियों से हैं और आगे भी सदियों तक रहना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने सनातन धर्म व संस्कार का वाहक बनना चाहिए और भजन संग्रह पुस्तक के लेखक की तरह जितना बन पड़े और जैसा हो सके, करना चाहिए,

विशिष्ट अतिथि विकास सिंह ने कहा कि नई पीढ़ी के लिए यह भजन संग्रह किसी वरदान से कम नहीं क्योंकि आज के दौैर में नई पीढ़ी को अपनी शानदार विरासत की सही तरीके से जानकारी ही नहीं हो पा रही. यह भजन संग्रह इस कमी को पूरा करेगा.

उन्होंने कहा कि भजन सिंधु के प्रचार प्रसार के लिए हर किसी को अपना दायित्व निभाना होगा.

प्रो. स्नेहा सिंह के मंच संचालन में आयोजित इस गरिमामय कार्यक्रम में बहुत की सलीके से भजन संग्रहकर्ता महेंद्र नारायण सिंह का परिचय प्रस्तुत किया गया.

प्रो. स्नेहा ने बताया कि बिहार के भोजपुर जिले के कोईलवर के श्रीपालपुर गांव में जन्मे महेंद्र नारायण सिंह ने टाटा स्टील में सेवा के दौरान भी समाज से खुद को जोड़े रखा.

टाटा कंपनी में 39 शानदार वर्षो तक नौकरी के बाद 1999 में रिटायर हुए और उसके बाद से पूरी तरह से समाज सेवा व धर्म सेवा के साथ-साथ साहित्य सृजन में जुट गए हैं, उनके सेवा क्षेत्र का दायरा जमशेदपुर से लेकर बिहार के आरा तक है.

कार्यक्रम में सरयू राय ने वयोवृद्ध समाजसेवी महेंद्र नारायण सिंह और विकास सिंह को को अंग वस्त्र से सम्मानित किया. सरयू राय को भी स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया.

इस अवसर पर डॉ. अरूण कुमार, डॉ. साकेत कुमार, स्वर्णरेखा परियोजना के पूर्व मुख्य अभियंता बिंदेश्वर प्रसाद, आरबीएल बैंक के झारखंड के सीनियर रिजलन मैनेजर आलोक कुमार, समाज सेविका उर्मिला सिंह, क्षत्रिय समाज के निरंजन सिंह, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रदेव सिंह राकेश, साहित्यकार डी ठाकुर, टाटा वर्कर्स यूनियन के नेता विमल कुमार सिंह, इंदु सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित थे.

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