साकची में श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन दो दिसंबर से. जानिए कहां से पधार रहे प्रख्यात कथावाचक डॉ. शैलेश तिवारी

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  • केके बिल्डर्स के परिसर में होने जा रहा आयोजन. मुख्य यजमान की भूमिका निभाएंगी उर्मिला सिंह

– व्यवस्था को सर्वोत्तम बनाने में जुटे दिवंगत समाजसेवी केके सिंह के सुपुत्र विकास सिंह

चंद्रदेव सिंह राकेश
जमशेदपुर : भगवान विष्णु व श्रीकृष्ण की आराधना का सर्वोत्म मास माने जानेवाले अगहन में इस वर्ष लौहनगरी के साकची में श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन होने जा रहा है. उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार से इस सात दिवसीय भागवत कथा का श्रवण कराने जा रहे हैं डॉ.शैलेश कुमार तिवारी. डॉ. तिवारी उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय: हरिद्वारम् में विभागाध्यक्ष (वेदवेदांग संकाय व व्याकरण विभाग) हैं. अपनी प्रखर वाणी से सरल तरीके से श्रोताओं तक कथा का श्रवण कराने में उन्हें महारत हासिल है.
साकची न्यू कालीमाटी रोड पर स्थित केके बिल्डर्स के मुख्यालय परिसर केके आवास में इस कथा का शुभारंभ शुक्लपक्ष नवमी तिथि दिन शुक्रवार 2 दिसंबर होगा. इसका समापन समापन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि गुरुवार 8 दिसंबर को महा प्रसाद के साथ होगा.
स्व कौशल किशोर सिंह यानी केके सिंह के पुण्य कर्मों को समर्पित इस कथा की मुख्य यजमान केके बाबू की धर्मपत्नी व समाजसेविका उर्मिला सिंह हैं. इसकी व्यवस्था को सर्वोत्तम बनान में उनके पुत्र व समाजसेवी विकास सिंह पूरे मनोयोग से जुटे हैं. शहर के तमाम धर्म के वाहक लोगों के इस भागवत कथा में गोते लगाने का सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है.
!! कथा सोपान !!
02.12 22: भगवात महात्म्य ( भक्ति कथा, गोकर्ण धुन्धुकारी कथा, भागवत विधि, भागवातारम्भ)

03.12 22 : व्यासजी का असंतोष, नारद जी का पूर्व जन्म, पाण्डुपुत्रों का वध व गर्भस्थ परीक्षित् का रक्षण, भीष्मप्रयाण, परीक्षित् जन्म, परिक्षित् की दिग्विजय व शाप की प्राप्ति, ब्रह्मा को उपदेश, वराहावतार की कथा.
04.12 22 : कपिलावतार, दक्षयक्ष, ध्रुव कथा, पृथु अवतार, पुरंजन कथा, ऋषभ अवतार, भरत कथा, अजामिल, कथा, वृत्रासुर वध, प्रह्लाद कथा, गजेन्द्र मुक्ति कथा,
05.12 22: समुद्र मन्थन, मोहिनी अवतार, वामन अवतार, सूर्यवंश व चन्द्रवंश का वर्णन, परशुराम अवतार, रामावतार, कृष्णावतार.
06.12 22: पूतना उद्धार, शकट व तूणावर्त वध, नामकरण विविध बाल लीलाएं, यमलार्जुन उद्धार, वृन्दावन गमन, वत्सासुर वध, वकासुर वधासूर वथ, ब्रह्ममोह, धेनुकासुर वध, कालिय दमन, प्रलंबासुर वध, दावानल से रक्षा, चीर हरण, यज्ञपत्नियों पर कृपा, गोवर्धन धारण, नन्द विमोचन महारास ( रासलीला)
07.12 22 : सुदर्शन, शंखचूड, अरिष्टासुर, केशी एवं व्योमासुर का वध अक्रूर का नन्द के घर आगमन व प्रात: कृष्णजी एवं बलराम जी के साथ मथुरा गमन, रजक वध, दर्जी माली एवं कुब्जा पर अनुग्रह, धनुर्भग, कुवलयापीड वध, चाणूर वध, कंस वध कृष्णजी एवं बलराम जी का यज्ञोपवीत तथा गुरुगृह गमन, उद्धवजी का व्रज गमन, जरासंध एवं कालयवन के साथ युद्ध द्वारकापुरी निर्माण तथा रुक्मिणी विवाह.
08.12 22 : प्रद्युम्न जन्म, शम्बासुर वध, स्यमन्तक मणि कथा, अन्यान्य विवाह, कृष्ण रुक्मिणी संवाद, ऊषा- अनिरूद्ध विवाह नृगकथा, पौण्ड्रक वासुदेव कथा, नारद द्वारा भगवान की गृहचर्या देखना, सुदामा जी की कथा, यदुवंश को शाप, अवधूतोपाख्यान, हंसावतार, मार्कण्डेय कथा, श्रीकृष्ण एवं परीक्षित का परलोक गमन तथा अन्य उपदेश आदि.

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