दिलीप ओझा
जमशेदपुर का बर्मामाइंस कैरेज कॉलोनी इलाका पूरी तरह से भागवत भक्ति में सराबोर हो चुका है. रविवार 12 मार्च को प्रात: काल से ही स्थानीय निवासियों समेत बाहर से जुटे श्रद्धालुओं में भक्ति की शक्ति हिलोर मार रही थी. वजह? यहां पानी टंकी मैदान में रविवार को शाम चार बजे से सप्ताहव्यापी भागवत कथा का शुभारंभ होने जा रहा. इसके लिए भव्य तैयारी की गई है. कथा के लिए निकली कलश यात्रा में भक्ति व उत्साह-उमंग का मंजर स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हुआ.
कथा 12 मार्च रविवार से 18 मार्च शनिवार तक हर दिन शाम चार बजे से छह बजे तक चलेगी. कथा का वाचन देश के प्रख्यात वैष्णव संत ब्रह्मलीन स्वामी त्रिदंडी देव जी महराज की परंपरा के अनुयायी व बिहार के रोहतास जिले के घरवासडीह मठ के पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य जगदगुरु श्री श्री 1008 श्री नारायणा स्वामी जी महाराज के कृपापात्र शिष्य महंत केशवाचार्य जी महाराज करेंगे. इस दौरान कथा वाचक अलग-अलग प्रसंगों पर संगीतमय वातावरण में प्रकाश डालेंगे.
भव्य व गरिमामय तरीके से आयोजित हो रही इस भागवत कथा के मुख्य आयोजक महेंद्र कुमार पांडेय है. महेंद्र पांडेय का कैरेज कालोनी समेत पूरे जमशेदपुर के सार्वजनिक-सामाजिक जीवन से करीब चार दशक का करीबी रिश्ता रहा है. यही कारण रहा कि इस भागवत कथा से लोगों का बड़े पैमाने पर जुड़ाव दिख रहा है.
रविवार को कथा के शुभारंभ से पहले कलश यात्रा की परंपरा का निर्वहन किया गया. पूरे विधि विधान से. कलश यात्रा परंपरा, भक्ति व श्रद्धा की साक्षात त्रिवेणी नजर आई.
कलश यात्रा में शामिल होने के लिए महिलाओं व भक्तों का जुटान कैरेज कॉलोनी मैदान के पास हुआ. वहां सं वाहनों का काफिला गाजे बाजे के साथ सोनारी दोमुहानी नदी तट पर जल भरने के लिए निकला. इस दौरान निराली छठा देखते ही बन रही थी.
सोनारी दोमुहानी घाट पर पूरे विधि विधान के साथ विद्वान आचार्यों की देखरेख में कलश में पवित्र संगम का जल भरा गया. वहां से उसी भक्ति व उत्साह के साथ श्रद्धालु कलश में जल लेकर कथा स्थल पर आए. अब से कुछ ही घंटों पर पोथी यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ होगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. सारा इलाका भक्तिमय नजर आ रहा. अब आज रविवार से अगले शनिवार तक हर दिन शाम चार से छह बजे तक भागवत कथा के सागर में भक्त गोते लगाएंगे. 19 मार्च रविवार को महाभंडारे के साथ कथा का विश्राम होगा. यानी इस महाआयोजन का समापन होगा. इसमें हजारों लोगों के महाप्रसाद की व्यवस्था रहेगी.
जानिए घरवासडीह मठ के बारे में
बिहार के रोहतास जिला अंतर्गत काराकाट प्रखंड क्षेत्र के घरवासडीह मठ के श्रीठाकुर जी का एक अपना अलग अनूठा इतिहास रहा है. आपको बताते चलें कि यह मठ एक गौरवशाली मठ के रूप में आज भी विद्यमान है. यह मठ लगभग 300 वर्ष पुराना है. यह मठ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष का एक अनूठा गौरवशाली मठ है. यहां पर देश के कोने-कोने से जो भी श्रद्धालु सच्चे भक्तिभाव एवं श्रद्धा के साथ श्रीठाकुर जी के दर्शन करने के लिए आते हंै, श्रीठाकुर जी उन सभी श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी करते हैं. इस मठ में जो भी श्रद्धालु निराश मन से आते है, यहां से सभी श्रद्धालु श्रीठाकुर जी के आशीर्वचन से हंसते हुए जाते है. यहां पर जो भी श्रद्धालु अनाथ होकर आये है यहां से सनाथ होकर ही लौटे है.
यह मठ सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने से लिए भी सतत प्रयास करता है. यहां पर अनाथ व अन्य इच्छुक छात्रों को नि:शुल्क कर्मकांड की शिक्षा दी जाती है. इस मठ से शिक्षा ग्रहण कर सैकड़ों विद्यार्थी बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर पदस्थापित हैं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी सहित अन्य महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में इस मठ के अनेकों छात्र उच्च पद पर पदस्थापित है.
इस मठ में फल-फूल के लिए विशेष पुष्पवाटिका, एक पुष्करिणी, विद्यमान है. साथ ही साथ इस मठ में गौशाला भी है जिसमें गौ माता की सेवा भक्तजनों के द्वारा निरंतर की जाती है. इस मठ में प्रतिवर्ष कार्तिक व चैत्र के छठ महापर्व के दिन हजारों – हजार की संख्या में व्रती की भीड़ उमड़ती है. साथ ही साथ चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक महायज्ञ का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है जिसमें आसपास के लोग शामिल होकर महायज्ञ की शोभा को बढ़ाते हैं. मठ का विशाल परिसर अध्यात्म की अलग ही अनुभूति कराता है. जो यहां एक बार आ जाता है, उसका मन बार-बार आने को करता है.
ऐसी ही पुण्य भूमि के मंहत महंत केशवाचार्य जी महाराज के श्रीमुख व समाजसेवी सह कांग्रेस नेता महेंद्र कुमार पांडेय के सौजन्य से जमशेदपुरवासियों को भगवत कथा का श्रवण करने का परम अवसर प्राप्त हुआ है.