बनारसी देवी जी भालोटिया:  नेक कर्मों के लिए हमेशा याद करेगा समाज

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आज श्राद्ध कर्म पर विनम्र श्रद्धांजलि

चंद्रदेव सिंह राकेश 

जमशेदपुर;.  जुगसलाई निवासी प्रतिष्ठित कारोबारी व समाजसेवी स्वर्गीय बनवारी लाल जी भालोटिया की धर्मपत्नी बनारसी देवी जी भालोटिया भी अपना नश्वर शरीर त्याग उस लोक में जा चुकी हैं जहां से किसी तरह के संवाद की गुंजाइश नहीं रहती है. 6 मई 2023 को उन्होंने अपना नश्वर शरीर त्यागा. 7 मई को वे पंचतत्व में विलीन हुई 18 मई गुरुवार को श्राद्ध कर्म का समापन होगा. गुरुवार को द्वादशा है.

बेशक मौत ने बनारसी देवी जी भालोतिया को खामोश कर दिया लेकिन वे अपने नेक कर्मों के लिए हमेशा याद की जाती रहेंगी. खासकर जब भी अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संगठन ब्रम्हाकुमारी के कामकाज और कार्यक्रमों की चर्चा जमशेदपुर में होगी तो निश्चित रूप से बनारसी देवी जी भालोटिया याद आएंगी. दरअसल इसके ठोस कारण भी हैं. जमशेदपुर में ब्रह्माकुमारी संस्था की शुरुआत कराने में उन्होंने उल्लेखनीय भूमिका अदा की. 

 जिस तरह से छोटे पौधे को लगाने के बाद उसकी देखरेख कर उसके विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाता है , ठीक उसी तरह बनारसी देवी जी भालोटिया ने जमशेदपुर में ब्रह्मकुमारी के लिए काम किया.

उन्हीं की तरह जमशेदपुर में ब्रह्माकुमारी को आगे बढ़ाने में अंजू बहन का भी अहम योगदान रहा है. अंजू बहन ब्रह्मकुमारी की जमशेदपुर शाखा की प्रमुख हैं और दूसरे स्वयंसेवी आध्यात्मिक संगठनों के साथ भी समन्वय स्थापित कर वे सनातन संस्कारों का वाहक बनी हुई है.

बनारसी देवी जी भालोटिया के निधन से अंजू बहन भी मर्माहत हैं. बनारसी देवी जी के योगदान और व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर उन्होंने खुलकर चर्चा की. 

 पिछले कई वर्षों के दौरान अलग-अलग अवसरों पर हमें भी बनारसी देवी जी भालोटिया के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में जानने और समझने का अवसर प्राप्त हुआ था.वे कर्मठ महिला थीं. समाज और धर्म सेवा की भावना उनमें गहराई से भरी हुई थी.करुणा वे सागर थी. 

 धर्म और संस्कारों को आगे बढ़ाने के लिए उनसे जितना बन पड़ता था , करने में आगे रहती थीं.  परिवार के सदस्यों के साथ-  साथ समाज के आम लोगों को भी संस्कारवान बनवाने में गहरी दिलचस्पी रखती थीं.

आज उनका द्वादश कार्यक्रम है. मारवाड़ी रीति रिवाज के साथ उनका श्राद्ध कर्म संपन्न हो रहा है. जेष्ठ पुत्र व उनके पद चिन्हों पर चलकर धर्म  और समाज सेवा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले दीपक  जी भालोटिया और उनके भाईयों समेत पूरा परिवार पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ श्राद्ध क्रम को पूरा करने में जुटा है.,

बनारसी देवी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हम उनके बारे में अंजू बहन1 की प्रतिक्रिया से आप सभी को अवगत कराना चाहते हैं ताकि आपको जानकारी मिले कि बनारसी देवी जी के दिवंगत होने के बाद किन शब्दों में ब्रह्मकुमारी की जमशेदपुर शाखा की प्रमुख अंजू बहन ने उन्हें याद किया है.

 अब आगे पढ़िए अंजू बहन के शब्दों में बनारसी देवी जी भालोटिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का आकलन::–

कहा जाता है मनुष्य जीवन दुर्लभ है, परंतु वास्तव में वो मनुष्य जीवन दुर्लभ है जो परमात्मा को पहचान ले. जमशेदपुर  जुगसलाई निवासी प्रभु रत्न बनारसी देवी भालोटिया उन्हीं में से थीं जिनके लिए परमात्मा ने श्रीमद भगवत गीता में कहां है कि “कोटों में कोई और कोई में भी कोई ही मुझे पहचान पाते हैं और मेरे बताए मार्ग पर चलते हैं”.

 परमात्मा की विशेष रत्न बनारसी बहन जब से ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ीं, परमात्मा का सत्य परिचय पाया, तब से अंतिम दिन तक ईश्वरीय महावाक्य, जिसे हम मुरली कहते हैं, उन्होंने एक दिन भी मिस नहीं किया.

परमात्मा में इतना अटूट निश्चय था उन्हें जो आजीवन उनके बताए मार्ग पर चलीं। परमात्मा से जुड़कर उन्होंने स्वयं का जीवन तो परिवर्तन किया ही साथ साथ अपने परिवार, मित्र, समाज सभी तक परमात्मा संदेश पहुंचाने की, उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की अथक सेवा की.

 अपने घर में उन्होंने परमात्मा संदेश के बड़े-बड़े चित्र लगाएं जिससे सभी उन शिक्षाओं को आत्मसात करें. हर ईश्वरीय कार्य में उन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. अद्वितीय व्यक्तित्व की धनी बनारसी बहन खुद भी सदैव उमंग उत्साह में रहतीं और जिस के संपर्क में आतीं उनमें भी उत्साह भर देती थीं.

 ब्रह्माकुमारी संस्थान की जमशेदपुर में स्थापना के शुरुआती दौर में वे इसके संपर्क में आईं. वर्तमान समय पूरे कोल्हान क्षेत्र में ब्रह्माकुमारीज के इस विस्तृत स्वरूप में बनारसी बहन का अति विशेष योगदान रहा है. पूरे कोल्हान क्षेत्र में इसके प्रचार-प्रसार में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है.

 प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के हम सभी भाई-बहन परमात्मा की दुलारी, हम सबकी अति प्यारी, परमात्मा की गोद में समाई बनारसी बहन को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. पूर्ण विश्वास है कि उनका जीवन अनेकों के जीवन को परिवर्तित करने में, श्रेष्ठ बनाने में, प्रेरणा देगा.

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