समाज के लिए के के बाबू के योगदान सदियों लोगों को सेवा के लिए करते रहेंगे प्रेरित,  जयंती समारोह में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

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चंद्रदेव सिंह राकेश

जमशेदपुर: 28 जून की तारीख आने से पहले ही अपने केके बाबू यानी कौशल किशोर सिंह जी से जुड़ी यादें उमड़ घुमड़ कर मन मस्तिष्क को झंकृत करती रहती हैं या तारीख इसलिए हम है क्योंकि इसी दिन छपरा के गोपालगंज इलाके की माटी में कौशल किशोर सिंह नामक एक ऐसे रखने का आविर्भाव हुआ आगे चलकर औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में के के सिंह के रूप में विख्यात हुआ।

28 जून का दिन हमारे समेत असंख्य के लोगों के लिए प्रेरणा दिवस के समान होता है जो किसी न किसी रूप में कभी न कभी किसी बाबू से जुड़े या जुड़े रहे।

केके सिंह समाज सेवा के पर्याय थे। हर जरूरतमंद के सच्चे हितैषी थे। धर्म के वाहक थे। सबसे बड़ी बात यह कि वे निष्काम कर्म योगी की तरह सेवा को दायित्व की भांति संपादित करने में अपार संतोष की अनुभूत करते थे।

सच कहा जाए तो केके बाबू के सानिध्य में  आकर हर कोई स्वाभाविक रूप से उनके विराट व्यक्तित्व से प्रभावित होकर समाज के लिए कुछ करने को प्रेरित होता था।

इस साल यानी 2023 के 28 जून को जमशेदपुर में केके बाबू की जयंती से जुड़े कई कार्यक्रमों में लोगों में समाज सेवा की जो भावना दृष्टिगोचर हुई उसे देखकर पितर लोक में विराजमान केके बाबू की दिव्य व अमर आत्मा अवश्य वहीं से आशीर्वचन ओं की बारिश कर रही होगी।

बेशक केके बाबू ने जमशेदपुर में कारोबार जगत खासकर निर्माण क्षेत्र को केके बिल्डर्स जैसा बेमिसाल ब्रांड किया जो विश्वसनीयता का दूसरा रूप है। इस क्षेत्र में उन्होंने बेमिसाल हासिल की। धन भी कमाया और कारोबार को ऊंचाई पर भी ले गए।

लेकिन के के बाबू मूल रूप से कारोबारी नहीं थे ।वह समाजसेवी थे। धर्म सेवी थे।  मित्र से भी थे। दान करना या जरूरतमंदों की मदद करना, उनके विराट व्यक्तित्व में समाहित था। ऐसा करने में उन्हें परम संतोष की की अनुभूति होती थी। जो कोई भी उनसे मदद या सहयोग के लिए संपर्क करता था उसे हुए खुश होकर ही अपने पास से लौट आते थे। मदद करने के दौरान यह नहीं देखते थे कि कितना देना है जो पॉकेट में निकल गया दान कर देते थे। बड़े काम के लिए बड़ा दान करने में उन्हें और आत्मिक आनंद आता था।

उनसे जुड़ी यादों का सागर बहुत विस्तृत है। उनके सेवा प्रकल्प का दायरा अति विराट रहा है। धर्म और हिंदुत्व के लिए भी उन्होंने बहुत कुछ किया और बहुत कुछ करना भी चाहते थे। लेकिन सबसे बड़ी बात है यह कि उनके मन में हमेशा दूसरों की मदद करने की भावना ही वलवती रहती थी।

यही कारण रहा कि इस साल भी  केके बाबू की जयंती पर  पूरे कोल्हान में अलग-अलग समारोहों में लोगों ने उन्हें शिद्दत से याद किया और उनके दिखाएं रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

इसका जीवंत उदाहरण मिला भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के साकची स्थित कार्यालय भवन में जहां केके बाबू की जयंती के मौके पर मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था।

इस अवसर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास और सांसद विद्युत वरण महतो समेत अनेक दिग्गजों ने केके बाबू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए लोगों खासकर नई पीढ़ी से पीड़ित मानवता की सेवा को संकल्प लेकर के के बाबू के सपनों को साकार करने का आह्वान किया।

रक्तदान शिविर में  समाजसेवी व श्रीकृष्ण सिंहा संस्थान के संस्थापक सचिव हरिवल्लभ सिंह आरसी, समाजसेवी ए. के. श्रीवास्तव, एहसिन फाउण्डेशन के अध्यक्ष आसिफ महमूद, के. के. एजुकेशनल फाउण्डेशन की ट्रस्टी उर्मिला सिंह, समाज विज्ञानी रबीन्द्र नाथ चौबे, अरका जैन युनिवर्सिटी के निदेशक  अंगद तिवारी, ब्रह्मर्षि विकास मंच के राजकिशोर सिंह, पूरबी घोष, पत्रकार संजय मिश्र, उदित अग्रवाल मुख्य रूप से उपस्थित थें।

 अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि रघुवर दास ने कहा कि समाज ही देश की नींव है और इसके लिए किये जाने वाले कार्यों से ही सही मायने में देश आगे बढ़ सकता है। उन्होने कहा कि देश की सीमाओं पर जवान सुरक्षा के लिए खड़े हैं, लेकिन देश के अन्दर की समाज की सुरक्षा के लिए सामाजिक लोगों की आवश्यकता है और सही मायने में यही लोग देश को गढ़ने का कार्य करते हैं।

ऐसे ही महान व्यक्तित्व स्व. के. के. सिंह थें, जिन्हें हम उनके द्वारा किये गये कार्यों के लिए याद कर रहे हैं।  आज जो यहां रक्तदान कर रहे हैं, वे भी समाज की रक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं।

सांसद महतो ने कहा कि के.के. सिंह शहर से लेकर गांवों तक याद किये जाते हैं, क्योंकि उन्होने हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी, जहां अच्छे कार्यों में सहयोग के लिए लोग उनसे जुड़े चाहे बेटी की शादी हो या किसी बीमार के लिए दवा की आवश्यकता, मंदिर बनाना हो या सामुदायिक भवन के. के. बाबू ने सभी को सहयोग दिया। आज उनके बाद उनके पुत्र विकास सिंह भी अपने पिता के सामाजिक कार्यों की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

 कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी हरिवल्लभ सिंह आरसी, ए. के. श्रीवास्तव, आसिफ महमूद, राजकिशोर सिंह, रबीन्द्र नाथ चौबे ने स्व. के. के. सिंह के किये गये सामाजिक कार्यों को याद किया तथा उनकी स्मृति में चलाये जा रहे रक्तदान एवं नेत्र ज्योति अभियान की सराहना की। 

कार्यक्रम के संयोजक व के. के. एजुकेशनल फाउण्डेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी विकास सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों ने पुष्प गुच्छ प्रदान कर रक्तदान कर रहे रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया।

कार्यक्रम का संचालन रेड क्रॉस सोसाईटी, पूर्वी सिंहभूम के मानद सचिव विजय कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में 50वीं बार रक्तदान करने वाले रक्तदाता चन्द्रशेखर सिंह को रघुवर दास ने सम्मानित किया।

कार्यक्रम में रेड क्रॉस के ब्लड कम्पोनेन्ट डोनेशन प्रभारी प्रभुनाथ सिंह को रक्तदान जागरुकता के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में रश्मि सिंह, आर्या वत्स, रेड क्रॉस के पेट्रन आशीष अग्रवाल, वाईस पेट्रन राम उदय सिंह, पूर्व सैनिक सुशील सिंह एवं के. के. एजुकेशनल फाउण्डेशन से जुड़े लोग शामिल हुए।

रक्तदान शिविर में 112 रक्तदाताओं ने रक्तदान कर पीड़ित मानवता की सेवा को समर्पित किया। रक्तदान शिविर का सफल बनाने में जमशेदपुर ब्लड बैंक एवं रेड क्रॉस की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

रेड क्रॉस के उपाध्यक्ष विकास सिंह ने रक्तदान शिविर को सफल बनाने में भूमिका निभाने वाले सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के अंत में रेड क्रॉस सोसाईटी, पूर्वी सिंहभूम के मानद सचिव विजय कुमार सिंह, सक्रिय कार्यकर्ता चन्द्रमोहन सिंह, उपाध्यक्ष विकास सिंह ने स्व. के. के. सिंह की स्मृति में रेड क्रॉस भवन में रुद्राक्ष का पौधारोपण किया।

बाद में बिष्टुपुर स्थित श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान में भी केके बाबू की जयंती समारोह का आयोजन किया गया। साकची कालीमाटी रोड स्थित केके बाबू के आवास पर भी धार्मिक अनुष्ठान कर उनकी जयंती मनाई गई और लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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