शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण, कल खीर का भोग लगाएं या नहीं? दूर करें कंफ्यूजन

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श्विन मास की पूर्णिमा को हम शरद पूर्णिमा के रूप में जानते हैं, जिसे कोजागिरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस विशेष रात में मान्यता है कि चंद्रमा की किरणें अमृत की बरसात करती हैं, जिसलिए लोग खुले आसमान के नीचे चांदनी रात में बनाई गई खीर को प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। लेकिन इस साल का विशेषता यह है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्र ग्रहण भी है, जिसके कारण काफी कंफ्यूजन बन गई है कि क्या कल रात चंदनी रात में बनाई गई खीर खानी चाहिए या नहीं।

चंद्रग्रहण का समय और उसका प्रभाव

चंद्रग्रहण का समय भारतीय समयानुसार रात 1:05 से 2:24 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण करीब सवा घंटे तक चलेगा। वहीं इस चंद्रग्रहण का सूतक काल शाम 04:12 से शुरू होगा, इस दौरान मंदिरों के पट बंद रहेंगे। चंद्र ग्रहण में मेष राशि और अश्विन नक्षत्र में होगा, जिससे मेष राशि में गजकेसरी योग बनेगा। ज्योतिष के अनुसार यह चंद्र ग्रहण वृषभ, मिथुन, कन्या और कुंभ राशि वालों के लिए शुभ है।

शुभ और अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय

लेकिन इस चंद्रग्रहण के समय में खीर बनाना या उसे चंदनी रात में रखना उचित नहीं होगा। चंद्रग्रहण में बनी हुई खीर खाना या भगवान को बोग लगाना न श्रेष्ठ होगा। इस समय कुछ विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए, जैसे कि पवित्र स्थानों का दौरा न करना और शुभ कार्यों में संलग्न नहीं होना। यह समय अपने आत्मा की शुद्धता के लिए समर्पित करना चाहिए।

सावधानियाँ और शुभ अवसर

चूंकि चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा और इसका सूतक काल मान्‍य होगा. लिहाजा शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने से वह दूषित हो जाएगी. ऐसी दूषित खीर खाने से सेहत को लाभ की जगह हानि हो सकती है. लिहाजा इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया होने के कारण चंद्रमा की रोशनी में खीर नहीं रखी जा सकेगी. ना ही ऐसी खीर से भगवान को भोग लगाया जा सकेगा. आखिरकार, चंद्रग्रहण के समय में सावधान रहना चाहिए, और इस समय को अध्ययन और आत्म-संविदान के लिए समर्पित करना चाहिए।

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