नेता चाहे किसी भी पार्टी के हों लेकिन वे आत्मप्रचार का कोई मौका कभी नहीं चूकते. फिर चाहे वह मौका किसी के लिए भारी दुख का ही क्यों न हों. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने भी शहीद के घर आर्थिक राशि देने के बहाने पब्लिसिटी का ऐसा मौका ढूंढ लिया. असल में जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए कैप्टन शुभम गुप्ता के परिवार को योगी सरकार ने 50 लाख रुपये रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया था.
फोटो सेशन पर बिलख पड़ी मां
सरकार ने अपने प्रतिनिधि के रूप में यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को ताजगंज के प्रतीक एन्क्लेव में बने कैप्टन शुभम गुप्ता के घर भेजा. अपने लाव-लश्कर को साथ लेकर पहुंचे मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पहुंचे ने शुभम गुप्ता की मां को 50 लाख रुपये का चेक दिया और साथ ही फोटो सेशन शुरू कर दिया. उनकी इस हरकत पर मां बिलख पड़ीं और उन्हें रोकते हुए बोलीं, ‘ये प्रदर्शनी मत लगाओ भाई. हालांकि उनकी इस गुहार को किसी ने नहीं सुना और नेताओं का फोटो सेशन जारी रहा.
‘ये प्रदर्शनी मत लगाओ भाई’
अब कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की इस हरकत की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हो रही है. तमाम विपक्षी दलों ने घटना पर विरोध जताते हुए इसे बीजेपी का कल्चर बताया है.
‘बीजेपी में बी का मतलब बेशर्म’
शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘प्रदर्शनी न लगाओ. मां बदहवास होकर गुहार लगा रही है फिर भी मंत्री अपना फोटो सेशन जारी रखे हुए हैं. ये कैसी बेशर्मी है? शहीद परिवार Captain Shubham Gupta को कैमरे के बिना शांति से शोक मनाने भी नहीं देंगे. हृदयहीन.’
‘बिलखती माँ के आंसुओं का अपमान’
समाजवादी पार्टी ने भी इस घटना के बाद बीजेपी की कड़ी आलोचना की. पार्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके कहा, ‘भाजपाइयों की असंवेदनशीलता पर बोली एक माँ ‘ये प्रदर्शनी मत लगाओ भाई’! भाजपा सरकार के मंत्री कल ही शहीद हुए आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता Captain Shubham Gupta के परिवार को चेक देने के नाम पर करा रहें फोटोशूट, बिलखती माँ के आंसुओं का अपमान. शहीदों के नाम पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आये भाजपा वाले, शर्मनाक. शहीद के परिवार को अपमानित करने के लिए माफ़ी मांगे मंत्री.’
कांग्रेस भी शहीद के परिवार का मजाक बना रहे बीजेपी नेताओं पर तंज कसने में पीछे नहीं रही. कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट करके केवल एक शब्द लिखा, ‘गिद्ध’।