90 सेकेंड पहले एग्जाम खत्म करने पर भड़के छात्र, सरकार पर ही कर दिया केस

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नई दिल्ली: साउथ कोरिया के छात्र ने एक अद्वितीय केस में सरकार पर केस कर दिया है, जहां उन्होंने कक्ष निरीक्षक द्वारा एग्जाम को महज 90 सेकेंड पहले समाप्त करने के फैसले का खिलवार किया है। इसके परंतु, अगर इस मामले में छात्र की जीत होती है, तो सरकार को 12 लाख रुपए का हर्जाना देना हो सकता है।

इस नई योजना के तहत, छात्रों ने सरकार से हर्जाने की मांग की है, जिसमें उन्होंने अपने साल भर के नुकसान को बताया है। उनके वकीलों ने तर्क दिया है कि यह क्षति तो कक्ष निरीक्षक की तरफ से हुई है, लेकिन इसने छात्रों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।

साल भर की मेहनत का नुकसान

कक्ष निरीक्षक का दावा है कि एग्जाम के दौरान टाइम एरर हुआ था, लेकिन उसने इसे स्वीकार कर लिया है। छात्रों के वकीलों का कहना है कि यही नहीं, इसमें छात्रों के नतीजों पर भी बुरा असर पड़ेगा और उन्हें उच्च शिक्षा में प्रवेश पाने में भी मुश्किलें हो सकती हैं। इस घटना ने फिर से एग्जाम प्रणाली की दिक्कतों को उजागर किया है और विशेषज्ञों का कहना है कि समय में सुधार की जरुरत है। वे मानते हैं कि छात्रों को अपनी पूरी मेहनत का फल चाहिए और किसी टाइम एरर की वजह से उन्हें नुकसान नहीं होना चाहिए।

यह घटना छात्रों की आंदोलन बढ़ा रही है, जिन्होंने सरकार से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की मांग की है। वे चाहते हैं कि एग्जाम प्रणाली में उच्चतम स्तर पर सुधार किया जाए ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा का सही मौका मिल सके। यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींच रही है, और साउथ कोरिया सरकार को हर्जाना देने की धमकी दी जा रही है। इससे साफ है कि छात्रों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क पर उतर आए हैं और उन्हें उच्चतम शिक्षा में सुधार की मांग का विश्वास है।

कठिन एग्जाम में से एक है सुनेउंग

वैश्विक स्तर पर सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली यह परीक्षा विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट, नौकरी की संभावनाओं और यहां तक कि भविष्य के रिश्तों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है. छात्रों की एकाग्रता में किसी तरह की बाधा ना पड़े उसके लिए सरकार वार्षिक परीक्षा के दौरान हवाई क्षेत्र को बंद करने के साथ साथ शेयर मार्केट को देर से खोलने का फैसला करती है. 2023 में सुनेउंग परीक्षा में पांच लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया और परिणाम 8 दिसंबर को जारी किए गए थे.

कोरियाई भाषा परीक्षा के दौरान घंटी समय से पहले बज गई थी और उसकी वजह से पर्यवेक्षकों को छात्रों के विरोध के बावजूद उत्तर पुस्तिकाएं एकत्र करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि अगले सत्र से पहले गलती स्वीकार कर ली गई. लेकिन लंच ब्रेक के दौरान केवल डेढ़ मिनट का समय दिया गया.

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