टेक्सास की रहने वाली 37 वर्षीय नर्स, टिफनी जॉब को कभी यह आशंका नहीं थी कि उन्हें फेफड़ों का कैंसर होगा। उन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी, फिर भी उन्हें चौथे स्टेज का फेफड़ों का कैंसर हो गया। मार्च 2020 में हुए एक वर्कआउट के बाद शुरू हुआ दर्द बढ़कर उनके फेफड़ों में ट्यूमर की ओर पहुंच गया, जिसने उनके स्वास्थ्य को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया।
पेशे से एक नर्स और आठ साल के जुड़वां लड़कों की मां टिफनी जॉब के अनुसार, उन्हें शुरुआती में दाहिने रिब में दर्द महसूस हुआ, जिसे वह वर्कआउट के कारण मान बैठी थीं। लेकिन कुछ ही हफ्तों में, दर्द तेज हो गया और उनके गले में सूजन आ गई। डॉक्टरों की सलाह पर की गई जांच में पता चला कि उनके फेफड़ों में ट्यूमर हैं और कैंसर विकसित हो गया है, जो उनकी गर्दन और हड्डियों तक पहुंच चुका था।
टिफनी जॉब ने कहा, ‘मुझे बहुत बड़ा सदमा लगा, मैं कैसे कैंसर का शिकार हो सकती हूँ, मैंने तो कभी सिगरेट तक नहीं पी।’ इसके बावजूद, टिफनी का केस यह दिखाता है कि फेफड़ों का कैंसर किसी को भी हो सकता है, चाहे वह धूम्रपान करता हो या नहीं।
फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण:
- लगातार खांसी, जो तीन हफ्ते से अधिक समय तक रहती है
- खून खांसी आना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- सीने में दर्द
- भूख न लगना और वजन कम होना
- थकान
टिफनी की कहानी हमें यह सिखाती है कि फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। चाहे व्यक्ति धूम्रपान करता हो या नहीं, सभी को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण पर ध्यान देना चाहिए, ताकि कैंसर की शुरुआती पहचान हो सके और उपचार समय पर शुरू किया जा सके। जल्दी पता लगाने से जीवन को बचाने की संभावना बढ़ जाती है।