मई 2022 के बाद से पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन अब एक सीधी नजर वहां रही है, जहां चुनाव से पहले आपको दामों में कमी की उम्मीद है. तेल की कीमतों में होने वाले बदलाव ने लोगों की जेबों को कर दिया है भारी, लेकिन अब यह बदल सकता है. यहां हम बता रहे हैं कुछ वजहें जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए और जानिए कितना हो सकता है दाम में कमी.
महंगे तेल से आ सकती है राहत
कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के चलते सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां जैसे IOC, HPCL, BPCL हर लीटर पेट्रोल पर 11 रुपये और हर लीटर डीजल पर 6 रुपये का मुनाफा कमा रही हैं. यह वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के नीचे जाने की संकेत है, जिससे उम्मीद है कि सरकार इस राहत को लोगों तक पहुंचा सकती है. तेल कंपनियों को भी इससे मिली हुई बड़ी मुनाफा है, और इससे आपको पेट्रोल-डीजल के दाम में बड़ी कमी की उम्मीद है.
दामों में कितनी कमी हो सकती है
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA के मुताबिक, उम्मीद है कि तेल कंपनियों के बढ़े हुए मार्जिन से पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में कमी हो सकती है. अगर कच्चे तेल की कीमत में स्थिरता बनी रही, तो जल्द ही पेट्रोल-डीजल के दाम 5 से 10 रुपए प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं.
क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट जारी
पिछले साल सितंबर से ही क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज गिरावट का दौर जारी है और अब बेंचमार्क कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे कारोबार कर रही है. इसके बावजूद, सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव से पहले तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम में बड़ी कटौती कर आम लोगों को राहत दे सकती हैं.
इस बड़े समय से चल रहे क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट के बावजूद, आम लोगों को इसका सीधा प्रभाव नहीं मिला है. तेजी से बढ़ रही महंगाई के चलते, सरकार से अधिक उम्मीदें हैं कि इस बार कमी होगी और लोगों को आराम मिलेगा. यह भी देखना बचा है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में स्थिरता बनी रहे या नहीं, क्योंकि यह सीधे पेट्रोल-डीजल के दाम पर असर डालेगा