होलिका दहन पर न करें ये 5 गलतियां, वरना जीवन में टूट पड़ेगा परेशानियों का पहाड़

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हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें होलिका का दहन एक महत्वपूर्ण रीति है। इस बार होलीका दहन का मुहूर्त 24 मार्च की रात 11 बजकर 14 मिनट के बाद है। इस खास मौके पर, अनेकों के दिलों में नई उमंग है, लेकिन कुछ गलतियां भी इस धार्मिक उत्सव को दुखद बना सकती हैं।

गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी: गर्भवती महिलाओं को होलिका दहन से दूरी बना कर ही रखनी चाहिए. मान्यता है कि होलिका दहन देखने से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका बुरा असर पड़ता है.

बाहर घूमने न निकलें: कुछ लोग होलिका दहन के दिन शहर भर का नजारा देखने के लिए परिवार सहित घूमने निकलते हैं उन्हें चौराहों को देख सुन कर ही पार करना चाहिए क्योंकि उस दिन बहुत से लोग चौराहों पर अपनी परेशानियों को दूर करने के लिए टोने टोटके भी कर बीच चौराहे पर नींबू मिर्च आदि कुछ सामग्री डाल देते हैं, जिसे कभी लांघना नहीं चाहिए.

इकलौती संतान वाले माता पिता रखें ध्यान: मान्यता है कि जो लोग अपने परिवार की इकलौती संतान हैं, उन्हें होलिका दहन नहीं देखना चाहिए और न ही होलिका दहन की पूजा करनी चाहिए. ऐसे में परिवार के बड़े बुजुर्गों को होलिका पूजा का कार्य करना चाहिए.

छोटे बच्चों को न लेकर जाएं: होलिका दहन वाले दिन चौराहे पर नकारात्मक शक्तियों का खतरा रहता है. ऐसे में नवजात बच्चे को लेकर कभी भी नहीं जाना चाहिए नहीं तो शिशु के जीवन में किसी न किसी तरह की परेशानी आ सकती है.

सास-बहु एक साथ न जाएं: धर्म ग्रंथो के अनुसार होलिका दहन में सास और बहू को एक साथ नहीं जाना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से दोनों के बीच आपसी रिश्तों में दरार पैदा होती है.

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