जमशेदपुर से धर्मेंद्र कुमार
देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस क्रम में देश के अलग-अलग इलाकों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा ताकि लोग खासकर नई पीढ़ी अपने स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी अनकही बातों-घटनाओं से रूबरू होते हुए भारत की आजादी से लिए सहर्ष अपने प्राणों की आहूति दे देनेवाले वीर शहीदों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें.
झारखंड में ऐसा करने का महती दायित्व उठाया है कला,साहित्य व रंगमंच को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की जमशेदपुर महानगर इकाई ने. संस्कार भारती ने नाटक को इसका माध्यम बनाया है. कोल्हान की सबसे बड़ी राष्ट्रवादी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन (तुलसी भवन ) के सहयोग से इस राज्यस्तरीय नाट्योत्सव का शुभारंभ शुक्रवार चार मार्च को किया गया.
इस तीन दिवसीय नाट्योत्सव में झारखंड में सक्रिय संस्कार भारती की 10 इकाइयां भाग ले रही हैं. इनके द्वारा स्वाधीनता संग्राम की प्रमुख घटनाओं व शहीद स्वाधीनता सेनानियों की जीवनगाथा पर आघारित नाटकों का मंचन किया जा रहा है.
पहले दिन यानी शुक्रवार संध्या 5 बजे से नाट्य उत्सव में देश के प्रसिद्ध नाट्य निर्देशक अजय मलकानी द्वारा लिखित एवं मिर्देशित उलगुलान का अंत नहीं नाटक का मंचन किया गया. इसे संस्कार भारती प्रांत एवं युवा रंगमंच की ओर प्रस्तुत किया गया.
इसके बाद शुक्रवार को ही विकास कुमार द्वारा लिखित और नीरज श्रीधर ‘स्वर्गीयÓके निर्देशन में संस्कार भारती गढ़वा इकाई की ओर से समर्पण नाटक का मंचन किया गया.
इससे पहले बिष्टुपुर के तुलसी भवन में आयोजित इस नाट्य उत्सव पारंपरिक ध्येय गीत पर नृत्य प्रस्तुति के साथ शुरू हुआ. प्रसिद्ध साहित्यकार व नाट्य कर्मी प्रो. सी भास्कर राव, संस्कार भारती के संरक्षक व प्रख्यात साहित्यसेवी गोविंद अग्रवाल (दोदराजका), संघ विभाग प्रचारक आशुतोष भारती, सह संघ चालक कोल्हान इंदर अग्रवाल, प्रांतीय क्षेत्र प्रमुख संजय चौधरी, झारखंड प्रांत अध्यक्ष सुशील अंकन और जमशेदपुर इकाई की अध्यक्ष प्रो. रागिनी भूषण ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
अपने उद्बोधन में सी भास्कर राव ने इस आयोजन को ऐतिहासिक अवसर और विरल क्षण बताया और इसे आगे भी जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया.
संस्कार भारती जमशेदपुर की अध्यक्ष डॉ रागिनी भूषण ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें इस उत्सव रूपी यज्ञ में सभी के सहयोग की समर्पित समिधा के लिए आभार व्यक्त किया. इन्होंने सभागार में उपस्थित सभी की उपस्थिति को नमन करते हुए इन्हेंमंगल दीप की संज्ञा दी.
इस अवसर पर संस्कार भारती की स्मारिका संस्कार का विमोचन भी हुआ. सभी अतिथियों को शॉल , नेह प्रतीक और पौधे से सम्मान किया गया. सभी अतिथियों ने इस नाट्य उत्सव के आयोजन के लिए जमशेदपुर महानगर इकाई और तुलसी भवन के सक्रिय सहयोग के लिए बहुत बहुत साधुवाद दिया.
कार्यक्रम में संस्कार भारती के सदस्यों के साथ साथ नगर के गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने उद्घाटन समारोह को गरिमा पूर्ण कहा.
5 मार्च (शनिवार) के कार्यक्रम
इस दिन कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह 10 बजे कलाकारों की बैठक से होगी. दिन 11.45 बजे नाट्य विशेषज्ञों के साथ नाट्य परिचर्चा होगी. फिर शाम चार बजे अन्य कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा. देवघर इकाई की टीम शाम पांच बजे रोहिणी के लाल नामक नाटक को प्रस्तुत करेगी. शाम 6.15 बजे हजारीबाग की टीम का नाटक आदमी-आदमी बराबर है का मंचन होगा. शाम सात बजे धनबाद की टीम के नाटक सावित्रीबाई को दर्शक देख सकेंगे.
छह मार्च रविवार के कार्यक्रम
अतिम दिन पूरे दिन कार्यक्रम चलेंगे, शुरुआत दस बजे सांगठनिक बैठक से की जाएगी. इसके बाद दिन 11.30 बजे दुमका की टीम का नाटक सच्चा धर्म मंचित किया जाएगा. इसके बाद बारी आएगी बोकारो की टीम की. चिन्मय विद्यालय बोकारो के सहयोग से यह टीम दिन 12 बजे सिलगाई का शेर नामक नाटक प्रस्तुत करेगी.
दिन एक बजे पलामू की टीम मासूम आर्ट के सहयोग से एक अजनबी नाटक मंचित करेगी. रांची की टीम की ओर से दिन 3.30 बजे स्वर्ग लोक में भारत चर्चा नाटक की प्रस्तुति होगी.
इसी तरह तुलसी भवन में दर्शक जमशेदपुर टीम के नाटक जिहाद को शाम 4.30 बजे देख सकेंगे. शाम 4.15 से समापन सत्र होगा जिसमें प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह का वितरण किया जाएगा.