ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया में एक युवक की अचानक मौत हो गई है, जब उसे दूसरे ग्रुप का खून चढ़ाया गया. जब कोई इंसान हादसे में घायल हो जाए या कमजोरी की वजह से उसके शरीर में खून की कमी हो जाए तो ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए परेशानी को दूर किया जा सकता है, लेकिन क्या हो अगर दूसरे ग्रुप का खून चढ़ा दिया जाए. ऐसा सोचकर भी सिहरन हो जाती है.
राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई शहर के एक युवक, सचिन शर्मा (23 साल), को एक्सीडेंट में घायल होने के बाद जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया था।
जिसके बाद एसएमएस अस्पताल के स्टाफ ने इलाज के दौरान घायल सचिन को AB+ की जगह O+ ब्लड चढ़ा दिया गया. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और फिर युवक न दम तोड़ दिया. मामले ने तूल पकड़ा तो राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए. जानकारी के मुताबिक वार्ड ब्वॉय ने दूसरे मरीज का ‘O+’ ब्लड की पर्ची थमा दी जिसके बाद मामला खराब हो गया. एसएमएस हॉस्पिटल के डायरेक्टर राजीव बगरट्टा ने घटना पर दुख जताया और कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी कल ही गठित कर दी गई है, हर पहलू का पता लगाया जा रहा है, जो आरोप लगे हैं उसकी रिपोर्ट जल्द सामने रखी जाएगी.
ब्लड ग्रुप चार्ट
इस चार्ट में हम ये बताएंगे कि कौन सा ब्लड ग्रुप कौन-कौन से ग्रुप वालों का खून रिसीव और डोनेट कर सकता है. इसको लेकर हमने एम्स दिल्ली के पूर्व रेजिडेंट डॉ. विजय रंजन से बात की.
- 0- : सभी को खून दे सकता है लेकिन 0- से ही ब्लड रिसीव कर सकता है.
- O+ : ये ग्रुप वाले AB+, A+, B+, O+ को खून दे सकते हैं लेकिन 0- और 0+ वालों से ब्लड रिसीव कर सकते हैं.
- A- : ये AB-, AB+, A+, A- को खून दे सकता है लेकिन A- और A+ से ब्लड रिसीव कर सकता है.
- A+ : ये A+ और AB+ को खून दे सकता है, लेकिन 0-, 0+ A- और A+ से ब्लड रिसीव कर सकता है.
- B- : ये B-, B+, AB-, AB+ को खून दे सकता है, लेकिन 0- और B- से ब्लड रिसीव कर सकता है.
- B+ : ये B+, AB+ को खून दे सकता है, लेकिन O-, O+,B- और B+ से ब्लड रिसीव कर सकता है.
- AB- : ये AB-, AB+ को खून दे सकता है, लेकिन O-, A-, B- और AB- से ब्लड रिसीव कर सकता है.
- AB+ : ये सिर्फ AB+ को को खून दे सकता है, लेकिन सभी से ब्लड रिसीव कर सकता है.
गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया जाए तो क्या होगा?
IHBAS अस्पताल दिल्ली के पूर्व रेजिडेंट डॉ. इमरान अहमद (Dr. Imran Ahmed) बताया कि गलत खून चढ़ने की स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है.
- ऐसे में एक्यूट हेमोलिटिक ट्रांसफ्यूजन रिएक्शन होता है. इसके लक्षणों में कंपकपी के साथ ते बुखार, शरीर के पिछले हिस्से में दर्द होना आदि शामिल है.
- पेशेंट की बॉडी में गलत ब्लड सेल्स के एंट्री करने पर इम्यून सिस्टम उन्हें खत्म करने की कोशिश करता है और इस प्रक्रिया में ये लक्षण नजर आते हैं.
- गलत खून चढ़ाने से पीड़ित इंसान की किडनियां फेल हो सकती हैं और कुछ समय बाद पूरी तरह से काम करना बंद कर सकती हैं.
- पेशाब में खून, फ्लू जैसी समस्याएं, शॉक लगना और मृत्यु होने जैसे गम्भीर परिणाम दिखायी पड़ सकते हैं.
सचिन के केस में क्या हुआ होगा?
डॉ. इमरान अहमद ने बताया कि राजस्थान में घायल सचिन का ब्लड ग्रुप AB+ था एंटीजन होता है लेकिन एंटीबॉडी नहीं होती, उसे O+ ग्रुप का खून चढ़ाया गया था जिसमें एंटीजन नहीं होता लेकिन एंटीबॉडी होती है. वैसे टेक्निकली AB+ वालों को O+ ग्रुप का खून चढ़ाया जा सकता है, लेकिन ये प्रोसेस एब्सोल्यूट नहीं होता, क्रिटिकल कंडीशन दिक्कतें आ सकती हैं.
वहीं डॉ. विजय रंजन का कहना है कि कई बार अस्पताल में बाहर से रिसीव होने वाले बल्ड की मैचिंग नहीं की जाती और आनन-फानन में खून चढ़ा दिया जाता है. कई बार छोटी सी गलती भी खतरनाक रूप ले सकती है. वैसे सचिन के केस में क्या हुआ होगा इसके लिए हमें फाइनल जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.