हमारे पिता काशी बाबू : कारोबार दवा का, अंदाज सेवा भाव जैसा

Share this News

भाव पवित्र हो, इरादा स्पष्ट हो, मन साफ हो और मेहनत-लगन में समर्पण का समावेश हो तो सफलता का प्रकटीकरण एक न एक दिन समाज के सामने अवश्य होकर रहता है। भले समय कुछ भी लग जाए. वह नेक कार्य एक दिन किसी फलदार वृक्ष के रूप में सेवा भाव के साथ समाज के सामने आता है। जिससे समाज को गर्व होता है और सेवा प्रदाता को संतोष की अनुमूति होती है। .

हमारे पूज्य पिताजी स्व- काशीनाथ बधान (अग्रवाल) जी ने अपने जीवनकाल में इसे सत्यापित किया था। आज से करीब पांच दशक पहले उन्होंने कारोबार की सरजमीं पर ऐसी ही सेवा का सूत्रपात किया था जो आज दवा कारोबार के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाकर दूसरों के सामने नजीर के रूप में किसी चमकीले नक्षत्र की तरह शोभायमान है।

पिताजी कहा कहते थे कि सफलता को कोई शार्टकार्ट नहीं होता। यदि कारोबार को ईमानमदारी व मेहनत के साथ किया जाए तो सफलता ठोस रूप में सामने आती है। भले ही इसे पाने में समय लगता है।

पिताजी हमें इसी मंत्र को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया करते थे। आज हमें प्रसन्नता के साथ पिताजी को याद करते हुए यह जानकारी साझा करने का मौका मिला है कि इसी मंत्र के सहारे पिताजी के बड़े सपने को साकार करने में हम सफल हुए हैं।

एक छत के नीचे दवा के लेकर स्वास्थ्य संबंधी तमाम उपकरणों व अन्य सामग्रियों को ग्राहकों के लिए पारदर्शी व सहज तरीके से उपलब्ध कराने के महती उद्देश्य के साथ पिता जी ने अग्रवाल डिस्ट्ीव्यूटर्स के रूप में साकची में दवा कारोबार की जिस इकाई की शुरुआत की थी, वह आज अग्रवाल ड्रग डिस्टीव्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड (एडीडीपीएल) के रूप में कारोबार के साथ अपनी पहचान का दायरा दिनों दिन बढ़ाने की ओर अग्रसर है.

जमशेदपुर को मुख्यालय रखकर झारखंड के अधिकांश इलाकों व बंगाल-ओडिशा की सीमा तक कारोबार करनेवाला एडीडीपीएल अब एक ब्रांड का रूप ग्रहण कर चुका है.

सेवा ही सर्वोपरि के सूत्रवाक्य पर काम करनेवाले एडीडीपीएल का हमेशा यही ध्येय रहा है कि ग्राहक संतुष्ठ रहें, उन्हें गुणवत्तापूर्ण सेवा मिले और कम कीमत पर अच्छी से अच्छी दवा या दूसरी चीजें उन्हें उपलब्ध होती रहीं। इसीलिए एडीडीपीएल का प्रयास यही रहता है कि वैसी नामचीन कंपनियों के उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाया जाए जिनकी उच्च गुणवत्ता व कम कीमत जगजाहिर है। एडीडीपीएल को ऐसा करने का सर्वोत्तम प्रतिफल भी मिला है। ग्राहकों का विश्वास व समर्थन निरंतर मिलता आया है जिससे हमारे विकास को गति मिलती रही है।

1974 से चली आ रही हमारी सेवा का मकसद बेहतर व स्वस्थ्य समाज की स्थापना करने का रहा है जिसमें लोगों का पूरा सहयोग व समर्थन मिलता आया है। यही एडीडीपीएल की थाती है और आगे बढऩे का संबल भी।

यह बताने में अपार हर्ष के साथ परम संतोष भी हो रहा कि सेवा के इस क्रम में हमें ऐसे रोमांचक अनुभव होते रहे जिनसे आगे बढऩे की प्रेरणा तो मिली ही, हम दूसरों को भी इससे प्रेरित करते रहे हैं। यह हमारे पिताजी के आशीर्वाद का मूर्त रूप है।

इसीलिए हम खुशी के साथ बताना चाह रहे कि पूज्य पिताजी जी के आशीर्वाद से मिलीं उपलब्धियों के बूते हमने एक नई शुरुआत की है। एक बेहतर भविष्य व स्वस्थ्य दुनिया के लिए ऐसा करना आवश्यक भी है। पिता जी की कृपा से हमारा नया परिसर ऐसा करने का मंच भी प्रदान कर रहा और मार्ग भी दिखा रहा। हमारा नया परिसर आधुनिक सुविधाओं से इसलिए लैस है क्योंकि हमें यह सुनिश्चित करना है कि गुणवत्ता में सर्वश्रेष्ठ देने में हमारा विश्वास है। यही हमारी प्रतिबद्धता है।

इस उद्योग में अग्रणी वितरक होने के नाते हम एक ऐसी आचार संहिता का अनुपालन करते हैं जो ग्राहकों के हितों की रक्षा करती है, नियम-कानून का सम्मान करती है और अपने कर्मचारियों को उनके चेहरे पर संतुुष्टि व संतोष का भाव प्रदान कर हमें अपने ऊपर गर्व करने का बोध कराती है।

पूज्य पिताजी हम इसी तरह आगे बढ़ते रहें और आपका आशीर्वाद हमपर रहे. इसी कामना के साथ आपके आशीर्वादों के आकांक्षी
हम हैं
आपके ही
राजीव
संजीव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *