चंद्रदेव सिंह राकेश
जमशेदपुर : मानगो निवासी भाजपा नेता शैलेंद्र सिंह का आकस्मिक निधन शुक्रवार सुबह हो गया. वे करीब 62 वर्ष के थे. वे मानगो समेत जमशेदपुर शहर की कई धार्मिक व सामाजिक संगठनों से भी जुड़े थे. उनके निधन की खबर मिलते ही समाज के हर तबके के लोगों का एनएच 33 स्थित आनंद विहार कॉलोनी में उनके आवास पर तांता लग गया. लोग उनके भाइयों रवींद्र सिंह व पप्पू सिंह समेत परिवार के अन्य सदस्यों से मिलकर शोक सांत्वना दे रहे थे. शैलेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को भुइंयाडीह स्वणरेखा बर्निंग घाट किया जाएगा. अंतिम यात्रा आनंद विहार कॉलोनी से सुबह 10 बजे निकलेगी.
शैलेंद्र सिंह पिछले कुछ वर्षों से भाजपा से जुड़ गये थे. वे मानगो के सबसे बड़े हनुमान मंदिर (बड़ा हनुमान मंदिर) समेत रामनवमी अखाड़ा, सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति समेत कई संस्थाओं से सक्रियता पूर्वक जुड़े थे. वे हनुमान मंदिर कमेटी के एक दशक से ज्यादा समय तक अध्यक्ष रहे थे.
शहर में उनकी पहचान मानगो चार नंबर (जवाहर नगर रोड नंबर चार) रोड वाले शैलेंद्र सिंह के रूप में थी. इसी रोड में स्थित पैतृक मकान में वे बचपन से लेकर कुछ साल पहले तक रहा करते थे. फिलहाल एनएच 33 पर आनंद विहार कॉलोनी में बने आवास में रहने लगे थे.
2000 के दशक में उनका झुकाव कारोबार की ओर भी हुआ. 2003 में मानगो डिमना रोड पर उनके शैलेंद्र सिंह कॉम्प्लेक्स से दैनिक जागरण का प्रकाशन शुरू हुआ. यहां से 2020 तक दैनिक जागरण का प्रकाशन होता रहा. इस कालखंड में शैलेंद्र सिंह ने कारोबार के कई क्षेत्रों में अपनी सक्रियता से खास पहचान बनाई. दूसरे शहरों तक उनके कारोबार का विस्तार हुआ.
पिछले कुछ वर्षो से वे शारीरिक चुनौैतियों से जूझ रहे थे. हालांकि अपनी फौलादी इच्छाशक्ति व दबंग व्यक्तित्व के बूते उन्होंने किडनी व शूगर जनित बीमारियों पर जीत हासिल कर ली थी. इस दौरान वे धर्म अध्यात्म में बढ़ चढक़र भाग लेने लगे थे.
परिवार में पिता के अलावा पत्नी, दो पुत्र व एक डॉक्टर पुत्री समेत दो भाइयों व बहन के भरे पूरे परिवार के साथ शैलेंद्र सिंह आराम की जिंदगी व्यतीत कर रहे थे. कुछ अन्य क्षेत्रों में कुछ नया करने का इरादा रखते हुए वे हर किसी के सुख-दुख में भागीदारी भी निभा रहे थे. लेकिन ईश्वर ने उनके लिए कुछ अलग ही प्लान तैयार कर रखा था. हृदय रोग पर जीत दर्ज करने के लिए उन्होंने हाल में बाइपास सर्जरी कराई थी. ऑपरेशन सफल रहने के बाद कोलकाता से जमशेदपुर लौट आए थे. लेकिन शुक्रवार सुबह अचानक उन्होंने एनएच 33 स्थित आनंद विहार कॉलोनी आवास पर अपने नश्वर शरीर को त्याग दिया और परिजनों समेत अपने मित्रों, शुभचिंतकों व चाहनेवालों की विशाल संख्या को गमगीन छोड उस अनंत यात्रा पर निकल गये, जहां से लौटकर कोई नहीं आता.