नई दिल्ली: होली के पर्व का लोगों को बैचेनी से इंतजार रहता है. ढेरों रंग के साथ अपनों की मस्ती, लजीज पकवानों का स्वाद ऐसा होता है कि लोग होली के उत्सव में डूबने के लिए बेसब्री से दिन गिनते हैं. इस साल की बात करें तो 18 मार्च 2022, शुक्रवार को रंगों का यह पर्व मनाया जाएगा. होलिका दहन 17 मार्च की रात को होगा. मान्यता है कि होली का पर्व भक्त प्रहलाद की भक्ति और भगवान द्वारा की गई उसकी प्राणरक्षा की खुशी के रूप में मनाया जाता है.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और विधि
इस साल होलिका दहन करने के लिए शुभ मुहूर्त 17 मार्च 2022, गुरुवार की रात 09:20 बजे से देर रात 10:31 बजे तक रहेगा. यानी कि होलिका दहन करने के लिए केवल 1 घंटे 10 मिनट का समय मिलेगा. होलिका दहन करने के लिए हवादार स्थल पर एक जगह चुनकर सूखी लकड़ी और उपलों का ढेर लगाते हैं. फिर शुभ मुहूर्त में उसकी पूजा करके उन्हें जलाते हैं. इसके अगले दिन रंग-गुलाल लगाकर होली मनाई जाती है.
होली मनाने के पीछे पौराणिक कथा
धर्म-पुराणों के मुताबिक असुर राजा हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था. असुर राजा को यह बात पसंद नहीं थी. उसने अपने बेटे को भगवान विष्णु की भक्ति करने से रोकने के लिए कई तरीके अपनाए और जब वह हर बार नाकाम रहा तो उसकी बहन होलिका ने यह जिम्मेदारी खुद पर ले ली. होलिका को वरदान मिला था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती है. लिहाजा अपने भतीजे प्रह्लाद को खत्म करने के लिए वह उसे गोद में लेकर अग्नि में प्रविष्ट हो गई. बच्चा प्रह्लाद भगवान विष्णु का स्मरण करता रहा और वह बच गया लेकिन होलिका जलकर मर गई. तब से ही बुराइयों के अंत के प्रतीक के रूप में हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है.