रांची। झारखंड की राजधानी रांची के सामाजिक व धार्मिक जीवन में कई दशक तक बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वालीं सरस्वती देवी ने मंगलवार 23 फरवरी को 93 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने रांची के चर्च रोड स्थित आवास पर अपना नश्वर शरीर त्यागा।
रांची के प्रसिद्ध समाजसेवी सह स्वर्णकार समाज के पुरोधा रहे स्व. राम अवतार लाल की पत्नी थीं। पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं। उम्र जनित बीमारियों ने उनके समक्ष चुनौती पेश करनी शुरू कर दी थी।फिर भी जीवन के अंतिम समय तक उन्होंने खुद को धर्म और समाज की सेवा से जोड़े रखा। शरीर भले अस्वस्थ रहता था लेकिन मन और मस्तिष्क हमेशा धर्म कर्म में ही लगा रहता था।
उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को रांची के नामकुम स्थित स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर होगा।वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं। समाज में उन्हें चाहने वाले लोगों की संख्या भी असंख्य है।
अब उनकी सामाजिक- धार्मिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके पुत्रों रविंद्र लाल, अनिल कुमार लाल, सुनील कुमार, अमित कुमार और संबलपुर ओडिशा निवासी नाती व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अंकित कुमार (पिता अशोक कुमार वर्मा) समेत परिवार के तमाम सदस्यों पर है।
इस बीच जाने-माने समाजसेवी व स्वर्णकार समाज की प्रमुख हस्ती कपिल देव ठाकुर ने सरस्वती देवी के निधन पर गहरा शोक जताते हुए इसे समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है । उन्होंने कहा कि सरस्वती देवी जी समाज और धर्म सेवा को लेकर जो संस्कार छोड़ गई है उन्हें आगे बढ़ाना समाज के सभी सदस्यों का परम कर्तव्य होना चाहिए और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।