राजस्थान में पंचायत चुनाव के साथ-साथ, सरकारी नौकरी के लिए भी अब ‘दो बच्चों’ की नीति अनिवार्य हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी से यह नियम लागू हो गया है। अब वे उम्मीदवार जो दो से अधिक बच्चों वाले हैं और सरकारी नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें यह नियम मानना होगा। इसे लेकर जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने पूर्व सैनिक राम लाल जाट द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। वह 2017 में सेवा से रिटायर हो गए थे और उन्होंने 25 मई 2018 को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए आवेदन किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले को खारिज किया, कहते हुए कि किसी भी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इस नियम का उद्देश्य परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करना है, जो कि एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
न्यायमूर्ति कांत की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, “कुछ इसी तरह का प्रावधान पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पात्रता शर्त के रूप में पेश किया गया था। उसे सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में जावेद और अन्य बनाम हरियाणा राज्य मामले में बरकरार रखा है। इसके तहत दो से अधिक जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है। इस प्रावधान का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना था।”