हैदराबाद में सोमवार को एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने से 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, यह घटना शहर के बीचोबीच नामपल्ली के बाजार घाट इलाके में हुई।
आग का कहर और राहत कार्रवाई
इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर रखे केमिकल्स के ड्रमों में लगी आग की वजह से यह बुझने में समय लगा। आग गहराई से बढ़कर ऊपरी मंजिलों तक फैल गई, जिससे कई लोग फंस गए और जान को चुकाना पड़ा। दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और जलती हुई इमारत से लोगों को बाहर निकालने में सक्रिय रहीं। फायर ब्रिगेड ने 21 लोगों को बचाया और अस्पताल पहुंचाया। यहां से 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग अभी भी गंभीर हालत में हैं।
मरने वालों में 6 साल की बच्ची भी शामिल
- मोहम्मद आजम- 58 वर्ष
- रेहाना सुल्ताना- 50 वर्ष
- फैज़ा समीन- 26 साल
- थहुरा फरीन- 35 वर्ष
- तूबा- 6 साल
- तारूबा- 13 वर्ष
- मोहम्मद जाकिर हुसैन, 66 वर्ष
- हसीब-उर-रहमान, 32 वर्ष
- निकथ सुल्ताना- 55 वर्ष
आग की कहानी
कैसे लगी आग: अग्नि सुरक्षा निदेशक ने बताया कि इमारत में उपयोग होने वाले केमिकल्स की बड़ी मात्रा के कारण आग उत्पन्न हुई। आग ग्राउंड फ्लोर पर शुरू होकर ऊपरी मंजिलों तक पहुंच गई, जिससे लोग बुरी तरह जल गए और बचने का कोई रास्ता नहीं रहा। पुलिस उपायुक्त वेंकटेश्वरलू ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चलता है कि ऊपरी मंजिलों पर धुएं के कारण दम घुटने से 9 लोगों की मौत हो गई. बता दें कि पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर छह फ्लैटों में छह परिवार रहते हैं. जबकि, चौथी मंजिल पर कोई नहीं था.
केमिकल्स का अवैध रूप से इस्तेमाल होने की जानकारी भी सामने आई है, जिसे जांच की जा रही है। अग्नि सुरक्षा निदेशक नागी रेड्डी ने बताया कि कूलरों की फाइबर बॉडी बनाने में इस्तेमाल होने वाला केमिकल आवासीय क्षेत्र में स्थित 4 मंजिली इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर रखा गया था. पूरी संभावना है कि आग केमिकल के कारण लगी और ऊपरी मंजिल तक फैल गई. आग लगने के कारण की जांच की जा रही है. पुलिस उपायुक्त वेंकटेश्वरलू ने बताया कि आग एक कार में चिंगारी के कारण लगी. कार की मरम्मत ग्राउंड फ्लोर पर की जा रही थी.
अधिकारियों का कहना है कि चूंकि इमारत हाई राइज कैटगरी में नहीं आती है, इसलिए वे मानते हैं कि इसके पास निर्माण की अनुमति थी. हालांकि, केमिकल अवैध रूप से संग्रहीत किया गया था. अग्नि सुरक्षा निदेशक ने कहा कि आग कथित तौर पर सुबह 8.30 बजे के आसपास लगी, लेकिन अग्निशमन सेवाओं को सुबह 9.35 बजे कॉल मिली. जलती हुई इमारत से बचाए गए लोगों को अस्पताल पहुंचाने में डॉक्टरों की बहादुरी और कठिनाइयों के बावजूद, वे अब भी बच्चों सहित कई लोगों का इलाज जारी है।